So Far 56 Pilgrims Died in Chardham Yatra in 16 Days 27 Died in Kedarnath Dham: हेलो दोस्तों जैसा की चारधाम की यात्रा को शुरू हुए आज 16वां दिन है और धामों पर दर्शन करने वालो की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी के साथ धामों पर मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। और अधिकतर लोगो की मृत्यु हृदय गति रुकने से हो रही है। साथ ही शुक्रवार रात केदारनाथ धाम पर चार तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई।
- यात्रा के दौरान हार्टअटैक ने ली 47 श्रद्धालुओं की जान | So Far 56 Pilgrims Died in Chardham Yatra in 16 Days 27 Died in Kedarnath Dham
- केदारनाथ यात्रा के दौरान सबसे अधिक श्रद्धालुओं की हुई मृत्यु
- यात्रा में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से हो रही है परेशानी
- श्रद्धालुओं की यात्रा मार्ग पर हो रही है स्क्रीनिंग
- यात्रा पर रखे इन चीजों का ध्यान
यात्रा के दौरान हार्टअटैक ने ली 47 श्रद्धालुओं की जान | So Far 56 Pilgrims Died in Chardham Yatra in 16 Days 27 Died in Kedarnath Dham
चारधाम यात्रा पर जाना आज के समय में हर किसी का सपना है और हर कोई चारधाम पर दर्शन करना चाहता है। लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है। क्योकि यह धाम ऊँचे पहाड़ो के बीच स्थित है। जिस कारण धामों तक पहुंचने के लिए मुश्किल और पतले रास्तो से जाना पड़ता है साथ ही यह धाम काफी अधिक ऊंचाइयों पर स्थित है।
इसी कारण चारधाम यात्रा के 16 वें दिन तक 56 तीर्थयात्रि अपने दम तोड़ चुके है। जिन 56 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई है उनमे सबसे अधिक संख्या उनकी है जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। और ऐसे 40 लोग थे जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। साथ ही बता दे की इन 56 तीर्थयात्रियों में से 47 तीर्थयात्रि ऐसे है। जिनकी मृत्यु हार्टअटैक और पल्मोनरी एडिमा से हुई है।
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केदारनाथ यात्रा के दौरान सबसे अधिक श्रद्धालुओं की हुई मृत्यु
चारधाम यात्रा पर हुई इन 56 तीर्थयात्रियों की मृत्यु में सबसे अधिक लोगो की मृत्यु केदारनाथ धाम पर हुई है क्योकि 56 में से 27 तीर्थयात्रियों की मृत्यु बाबा केदारनाथ की यात्रा करते वक्त हुई है। शुक्रवार सुबह तक केदारनाथ पर मरने वालो की संख्या 23 थी लेकिन शाम होते होते चार और यात्रियों की मौत हार्ट अटैक के कारण हो गई। और केदारनाथ धाम पर मरने वालो की संख्या 23 से 27 हो गई।
यात्रा में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से हो रही है परेशानी
चारधाम यात्रा के चारो धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हिमालयी के उच्च स्थानों पर स्थित हैं। जहां पर ठंड के साथ साथ ऑक्सीजन की भी कमी देखने को मिलती है। जिस वजह से यात्रियों को साँस लेने में दिक्कत होती है। और पिछले 15 दिनों में पल्मोनरी एडिमा, हृदय गति रुकने, सिर पर गंभीर चोट और हाईपोथर्मिया से 52 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो चुकी है।
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श्रद्धालुओं की यात्रा मार्ग पर हो रही है स्क्रीनिंग
विनय शंकर पांडेय ने 52 श्रद्धालुओं की मृत्यु की पुष्टि करी है जो यात्रा के लिए आए थे। उन्होंने कहा की मृतकों में ज्यादातर वह लोग है जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक थी। और अधिकतर लोगो की मृत्यु हृदय गति रुकने की वजह से हुई हैं। तीर्थयात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं की यात्रा मार्ग पर स्क्रीनिंग भी करी जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य जांच में जिन तीर्थयात्रियों का स्वास्थ ठीक नहीं है उन्हें यात्रा पर ना जाने की सलाह दी जा रही है। लेकिन इसके बाद भी यदि कोई श्रद्धालु यात्रा पर जा रहा है तो उससे लिखित में फार्म भरवाने की कार्रवाई की जा रही है।
यात्रा पर रखे इन चीजों का ध्यान
यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य को लेकर कुछ सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए है। जिसमे की यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम पर पैदल जा रहे सभी श्रद्धालुओं को एक से दो घंटे के चलने के बाद पांच से 10 मिनट तक आराम करने व बारिश से बचने के लिए रेनकोट और छाता रखने के लिए कहा गया है।
इसी के साथ स्वास्थ्य जांच के लिए थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर साथ लेकर चलने के लिए भी कहा गया है। साथ ही जिन श्रद्धालुओं को अस्थमा, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह है। उन्हें अपने साथ दवा और डॉक्टर का नंबर पास रखने व यात्रा के समय सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, उल्टी आना और चक्कर आने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्राथमिक उपचार लेने के लिए कहा गया है।
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