Section 144 Imposed on Yamunotri Dham Yatra Route: चारधाम पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की तरफ से कुछ सख्त कदम उठाए गए है। जिसके तहत अब धामों पर जाने वाले मार्गो पर घोड़े, खच्चरों और डंडी-कंडी वालो के आने जाने की संख्या सीमा निर्धारित की गई है। और इन साधनों से यमुनोत्री धाम आने वाले तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए समय की सीमा भी निश्चित की गई है।
यमुनोत्री धाम यात्रा मार्ग पर धारा 144 लागू | Section 144 Imposed on Yamunotri Dham Yatra Route
धामों पर लगातार श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। जिसे नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से धारा 144 के अनुसार एक आदेश जारी किया गया है। जिसमे यमुनोत्री धाम पर जाने वाले पैदल रास्तो पर यात्रियों की यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक डंडी और घोड़े-खच्चरों के आने जाने की संख्या और समय सीमा निर्धारित की गई है। और इन नए नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। और यदि कोई अव्यवस्था फैलाने का काम करता है तो उन पर कार्रवाही की जाएगी।
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भीड़ नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने बनाए नए नियम
यमनोत्री धाम पर जाने वाले रस्ते बहुत पतले है साथ ही बेहद मुश्किल भी है। और अधिक भीड़ के कारण उन रास्तो पर जानमाल के नुकसान होने का खतरा बना रहता है। जिसे देखते हुए उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, बड़कोट, अपर मुख्य अधिकारी और उत्तरकाशी की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार यमुनोत्री एवं यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े खच्चरों की संख्या निर्धारित करने का फैसला किया गया है। और यह फैसला यमुनोत्री धाम पर पैदल यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की यात्रा को सुविधाजनक और सुगम बनाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा लिया गया है।
दिन में इतने ही घोड़े खच्चरों को जाने की अनुमति
जिला मजिस्ट्रेट डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट की तरफ से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों से यात्रियों के आने जाने का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे के बीच का तैय किया गया है। और जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार यमुनोत्री धाम पर घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 हो जाने के बाद उतने ही घोड़े-खच्चरों को भेजा जाएगा. जितने की यमुनोत्री धाम से वापस आएँगे। और इसी के साथ इस घोड़े-खच्चरों के प्रस्थान, दर्शन तथा वापसी के लिए 5 घंटे की समय सीमा रखी गई है। और आदेश में यह भी कहा गया है की 5 घंटे से ज्यादा कोई भी घोड़ा-खच्चर यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा।
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इतनी देर में दर्शन ना करने पर वापस आ जाएंगे घोड़ा-खच्चर
जिला प्रशासन की तरफ से यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए 60 मिनट की समय अवधि निर्धारित की गई है। और इस नियम का पालन करवाने के मंदिर परिसर में तैनात स्वयंसेवक को कहा गया है। साथ ही यदि कोई यात्री घोड़ा-खच्चर से धाम पर जाता है और 60 मिनट में दर्शन करके नहीं आता है।
तो 60 मिनट का इंतजार करने के बाद अपरिहार्य स्थिति को छोड़ते हुये। घोड़ा-खच्चर संचालक घोड़ा पड़ागया में तैनात जिला पंचायत के कर्मी से इजाजत लेकर यात्री को बीना लिए वापस लोट सकता है।
50 के लॉट में छोड़े जाएंगे डंडी संचालक
यमुनोत्री धाम पर भीड़ नियंत्रण के लिए डंडी के जानकी चट्टी से यमुनोत्री आने-जाने की अधिकतम संख्या 300 रखी गई है। जिनका धाम पर जाने और आने का समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक का रखा गया है। साथ ही इन 300 डंडी को 50-50 के गुरुप में छोड़ा जायेगा। और एक गुरुप के जाने के बाद दूसरा 50 का गुरुप एक घंटे बाद छोड़ा जाएगा। इस डंडी का संचालन सिर्फ बिरला धर्मशाला से किया जायेगा
इस एक गुरुप को प्रस्थान, दर्शन तथा वापसी के लिए 6 घंटे की समय अवधि निर्धारित की गई है। साथी यदि कोई तीर्थयात्री 60 मिनट में दर्शन करके वापस नहीं आता है। तो डंडी संचालक बिना तीर्थयात्री को लिए पड़ा घोड़ाव में तैनात जिला पंचायत के कर्मी से इजाजत लेकर वापस आ सकता है। और यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो यह धारा 188 के अन्तर्गत दंडनीय होगा।
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