Youth Making Reels Beaten Up in Kedarnath Dham: इस सोशल मीडिया के ज़माने में लोग भगवान् को मानते कम है और दिखावा अधिक करते है। और जिसे देखो वह मंदिरो और तीर्थ स्थलों पर रील और वीडियो बनाता दिखता है। और उन वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डालते है। और ऐसा ही कुछ हमें उत्तराखंड के चारों धामों में देखने को मिल रहा है। जहां पर बहुत अधिक संख्या में यूट्यूबर और रील बनाने वाले दिख रहे है।
सच्चे भक्तों की संख्या में आई कमी
जैसा की आप सभी को पता होगा की चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। लेकिन इसी के साथ यूट्यूबर और रील बनाने वाले लोग अधिक संख्या में वहां पहुंच चुके है। पिछले साल रील बनाने वाले और यूटूबरों ने अपनी हद पार कर दी थी। जिससे परेशान होकर मंदिर समिति के द्वारा वीडियो/फोटोग्राफी पर प्रतिबंधित के बोर्ड लगा दिए गए थे। लेकिन ऐसा इस बार देखने को नहीं मिला।
बताया जा रहा है की जब से 2013 की आपदा आई है तब से सच्चे भक्तों की संख्या कम हो गई है। और वहीं पर रील्स बनाने और फोटो खिंचवाने वाले भक्तों की संख्या काफी अधिक हो गई है। साथ ही पिछले साल कई ऐसी रील देखने को मिली जो सही नहीं थी। जिसे देखते हुए समिति ने बोर्ड लगवाए जिन पर रील्स न बनाने और मर्यादित कपड़े पहनने को कहा गया था।
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रील बनाने पर मंदिर समिति ने फेका युवक का सामान | Youth Making Reels Beaten Up in Kedarnath Dham
जैसा की हमने बताया की धामों पर रील बनाने वाले और वीडियो बनाने वालो की संख्या काफी अधिक है। जिसमे की कल सोशल मीडिया पर एक वीडियो आग की तरह फैल गया। जिसमे कुछ युवक केदारनाथ में ढोल पर नाच रहे थे। और वीडियो भी बना रहे थे। लेकिन जैसे ही इसके बारे में मंदिर समिति को पता चला तो उन्होंने उन युवकों को धमकाते हुए उनका सामान फेंक दिया। और ऐसी हरकत करने को मना कर दिया। और इसी के साथ समिति ने अन्य यात्रियों को भी कहा की सिर्फ दर्शन के लिए ही धाम में आएं सोशल मीडिया पर दिखावा ना करे।
2013 से पहले अधिकतर आते थे बुजुर्ग यात्री
कहा जा रहा है की 2013 की आपदा से पहले अधिकतर बुजुर्ग यात्री धाम में आते थे। लेकिन अब यात्री भक्ति श्रद्धा से कम और घूमने फिरने की दृष्टि से अधिक आ रहे है। लोगो के दिलों में यात्रा को लेकर पौराणिक परंपराएं समाप्त होती नजर आ रही है। और इन सब को रोकने के लिए सरकार, मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों को धाम पर ध्यान देना चाहिए। और लोगो को मर्यादा में रहने को कहना चाहिए।
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