Uttarayani Kauthig Mela 2024: खटीमा में उत्तरायणी कौथिग मेले का शुभारम्भ हो गया है। जो एक 6 दिवसीय मेला है। यह मेला मकर संक्रांति के अवसर पर लगाया जाता है जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध की और जाना शुरू करता है और दिन बड़े होने शुरू होते है। इस लिए इस मेले का नाम उत्तरायणी कौथिग मेला रखा गया है। इस मेले में उत्तराखंड सहित देश की अलग अलग संस्कृतियों को एक साथ देखने का मौका मिलता है।
उत्तरायणी कौथिग मेले का आयोजन | Uttarayani Kauthig Mela 2024 | UTTARAKHAND KAUTHIG MELA 2024
उत्तरायणी कौथिग मेले का आयोजन कुमाऊं सांस्कृतिक उत्थान मंच के द्वारा किया जा रहा है। इस छह दिवसीय मेले में हमें भारत की कई भारतीय संस्कृतियों को कलश यात्रा में देखने का मौका मिला। जिसका नेतृत्व हर साल की तरह घोड़े पर सवार गोल्ज्यू देवता के पात्र के द्वारा किया गया। इस मेले के पहले दिन लोक गायक अमित बाबू गोस्वामी ने प्रदर्शन किया। और लोगो का दिल जीत लिया। जिसके बाद कई कलाकार ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी।
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कलश यात्रा | Uttarayani Kauthig Mela 2024
इस आयोजित उत्तरायणी कौथिग मेले की शुरुआत कलश यात्रा से की गई। जिसे एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट के द्वारा हरी झंडी देकर रवाना किया गया। इस यात्रा की शुरुआत तराई बीज निगम से शुरू हुई जो शहर के अलग अलग रास्तो से होते हुए निकली। इस यात्रा में कई रंगारंग झांकियां और भारतीय संस्कृति देखने को मिली। इस यात्रा में बाहुबली हनुमान, सिद्धेश्वर शिव मंदिर, प्रिंस झांकी पीलीभीत, श्री गणेश रथ, मां दुर्गा का रथ, राम दरबार, सांस्कृतिक समिति बग्घा 54, थारू समाज की झांकी और शिव-पार्वती दरबार जैसी कई झांकियां देखने को मिली। साथ ही इस यात्रा में अलग अलग स्कूल के बच्चो ने बैनर और झंडों के साथ इस यात्रा में भाग लिया।
दीप जलाकर हुई उत्तरायणी कौथिग मेले की शुरुआत | UTTARAKHAND KAUTHIG MELA 2024
इस उत्तरायणी कौथिग मेले में रंगारंग कार्यक्रम की शुरुआत मंच अध्यक्ष ठाकुर सिंह खाती, सचिव भुवन भट्ट, नंदन सिंह खड़ायत, मेला प्रभारी केडी भट्ट, कोषाध्यक्ष बीएस मेहता ने दीप जलाकर की। जिसके बाद कई बड़े कलाकारों ने अपने लोक गीत गाकर लोगो को झूमने पर मजबूर कर दिया। साथ ही जितेंद्र एवं राकेश रोहेला, साधना विश्वकर्मा, गायक भुवन चंद्र पांडेय जैसे कई प्रमुख लोगो ने अपनी प्रस्तुति से लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रश्न: हम उत्तरायणी मेला क्यों मनाते हैं?
उत्तर: उत्तराखंड में उत्तरायणी मेले का आयोजन मकर सक्रांति (उत्तरायणी) के पावन पर्व पर किया जाता है।
प्रश्न: उत्तराखंड का सबसे पुराना मेला कौन सा है?
उत्तर: उत्तराखंड का सबसे पुराना मेला उत्तरायणी मेले को माना जाता है जो मकर सक्रांति पर आयोजित किया जाता है।