Thakur Yashpal Singh used to campaign on horseback: हेलो दोस्तों, आज हम दिग्गज निर्दलये नेता के बारे में बताएंगे जिन्होंने अकेले ही कई बड़े नेताओ को हरा दिया था। और ऐसा करके उन्होंने इतिहास रच दिया था। और हर किसी को चौका दिया था। इन्होने अकेले ही निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए 3 मंत्रियो को हरा दिया था। यह व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि रुड़की के पनियाला गांव में रहने वाले ठाकुर यशपाल सिंह थे। जिन्होंने यह कारनामा करके दिखाया था।
कांग्रेस के 3 बड़े नेताओ को किया था परास्त | Defeated 3 big leaders of Congress
Thakur Yashpal Singh का जन्म रुड़की शहर के पनियाला गांव में साल 1919 में हुआ था। और वह एक पढ़े लिखे समझदार व्यक्ति थे। जिन्हे हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत तीनो भाषाएँ आती थी। और यशपाल जी ने दो विषयों में M.A भी किया था। बताया जाता है की वह कांग्रेस में थे और वह आजादी के लिए कांग्रेस के आन्दोलंन व हर तरह की रैली में अपना योगदान देते थे। लेकिन आजादी मिलने पर भारत पाकिस्तान के विभाजन से वह काफी दुखी हुए और उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए एक के बाद एक बड़े कांग्रेस नेताओ को हराया।
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Thakur Yashpal Singh ने साल 1957 में सहारनपुर की देवबंद विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा. जिसमे उन्होंने निर्दलीय लड़ते हुए मंत्री ठाकुर फूल सिंह को हराकर सभी को चौका दिया। ठाकुर फूल सिंह यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इसके बाद साल 1962 में ठाकुर यशपाल सिंह जी ने मुजफ्फरनगर जिले की कैराना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस केन्द्रीय मंत्री अजित प्रसाद जैन को हरा दिया। जिसके बाद Thakur Yashpal Singh जी ने हरिद्वार से निर्दलीय चुनाव लड़ा और उस समय के दिग्गज नेता महावीर त्यागी को हराकर सनसनी फैला दी।
Thakur Yashpal Singh used to campaign on horseback | ठाकुर यशपाल सिंह घोड़े पर सवार होकर करते थे प्रचार
Thakur Yashpal Singh एक खास व्यक्ति थे. और वह दिखने में भी काफी दमदार नेता थे। उनकी आवाज काफी कड़क थी. और वह काफी लम्बे चौड़े थे। और जो चीज उन्हें खास बनाती थी। वह था उनका घोड़े पर सवार होकर चुनाव प्रचार करना। और वह पनियाला गांव से हरिद्वार तक घोड़े पर सवार होकर जाते थे. और उनका भाषण देने का अंदाज भी कुछ हटकर था। क्योकि वह बिलकुल देसी आवाज में भाषण देते थे। जिन्हे लोगो द्वारा काफी पसंद किया जाता था।
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Thakur Yashpal Singh जी चुनाव प्रचार में जनसभा भी किया करते थे। जिसमे वह अपनी कड़क आवाज और देसी अंदाज में भाषण देकर सभी का दिल जीत लिया करते थे। वह अपनी जनसभा ऐसी जगहों पर करते थे की भीड़ आसानी से इकट्ठी हो जाए। इस लिए वह जनसभा के लिए सब्जी मंडी, बाजार, अस्पताल और कचहरी जैसे स्थानों पर सभाएं किया करते थे। इनकी मृत्यु साल 1972 में हुई थी। बताया जाता है की यह एक बार काफी थके हुए और पसीने में थे। जिसके बाद उन्होंने गंगा जी में डुबकी लगा ली. जिसके बाद उनकी तबियत ख़राब हो गई और कुछ समय बाद 1972 में उनका देहांत हो गया।
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