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Holi in Pithoragarh: होली मनाना पड़ा भारी, पुजारियों की हुई रहस्यमय तरीके से मृत्यु

Holi in Pithoragarh: भारत में होली का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। और भारत के अलग अलग हिसो में अलग अलग तरह से होली मनाई जाती है। कही पर फूलो से होली मनाई जाती है। तो कही पर रंगो से होली मनाई जाती है। लेकिन भारत में कुछ जगह ऐसी भी है. जहां पर होली खेलना मना है. और वहां पर कोई भी होली नहीं खेलता है। और यह जगह भारत की देवभूमि उत्तराखंड में स्थित है।

Holi in Pithoragarh | पिथौरागढ़ के कुछ हिस्सों में नहीं मनाई जाती होली

वैसे तो पिथौरागढ़ में धूम धाम से होली मनाई जाती है। लेकिन पिथौरागढ़ जिले में तीन उप-मंडलों डीडीहाट, मुनस्यारी और धारचूला क्षेत्र में होली नहीं मनाई जाती। इन तीनो उप-मंडलों में लगभग 50 से अधिक गांव ऐसे है. जहां पर कुछ मान्यताए है. जिस वजह से वहां पर होली का त्यौहार नहीं मनाया जाता। बताया जाता है की जिन 50 गांवो में होली नहीं मनाई जाती उसका कारण गांवों में स्थानीय देवताओं का नाराज होना माना जाता है।

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देवता क्यों हो जाते है नाराज

Holi in Pithoragarh 1

कुछ लोगो द्वारा बताया जाता है. की होली मनाने पर गांव के स्थानीय देवताओं के नाराज होने का कारण यह है. की उनके देवता चमकीले रंगों को नापसंद करते है। एक व्यक्ति ने बताया की उनके गांव में छिपला केदार की पूजा की जाती है और वह चमकीले रंगों को देखकर क्रोधित हो जाते है। जिस वजह से वह लोग होली का त्यौहार नहीं मनाते है। और इस लिए उनके गांव के लोग होली के रंगो से बचते है।

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चार दशक पहले मनाई थी होली

चौना गांव के एक व्यक्ति ने बताया की उन्होंने चार दशक पहले Holi मनानी शुरू की थी। लेकिन उसके बाद से हर साल पुजारी और उनके सहयोगियों की मृत्यु होने लगी। जो की एक रहस्यमय तरीके से हो रही थी। जिसके बाद से उन्होंने होली मनाना छोड़ दिया। बताया जाता है. जैसा की गांव के स्थानीय देवताओं को रंग बिलकुल भी पसंद नहीं हैं। इसलिए वह लोग अपने देवता को सफेद ब्रह्म कमल के फूल चढ़ाते हैं. साथ ही अपने माथे पर सफेद सिन्दूर लगाते हैं।

सातु-आथु त्योहार है अधिक महत्वपूर्ण

कुछ रिपोर्ट में बताया गया की दीवान सिंह नाम के एक युवक ने कहा की हमारे गांव में सातु-आथु त्योहार हमारे लिए अधिक महत्व रखता है। जिस वजह से सातु-आथु त्यौहार को मनाने वाले लोगो को होली का त्यौहार नहीं मनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा की जब भी उन लोगो ने होली का त्यौहार मनाने की कोशिश की. उन्हें दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा जिस वजह से उन्हें होली मनाना मजबूरी में छोड़ना पड़ा।


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Mohit Kumar
Mohit Kumar
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