रुड़की को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर एक एक बार फिर धरने का आयोजन किया गया सिविल लाइंस चौक पर आयोजित धरने में पहुंचे विधायक। धरनास्थल पर पहुंचे विधायकों ने रूड़की को जिला बनाने की मांग का समर्थन दिया, और भरोसा दिलाया कि यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा। साथ ही वक्ताओं ने जल्द से जल्द जिले की मांग पूरी नहीं होने पर बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी।
मोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि रुड़की की जनता नए राज्य के बनने के बाद से जिले की मांग को पूरा होते हुए देखना चाहती है। धरने की जगह पर पहुंची भगवानपुर की विधायक ममता राकेश, पिरान कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद, ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर और झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती ने रुड़की जिला बनाओ के मुद्दे पर धरना संगठन का साथ दिया।
इस धरने को पूर्व सांसदो ने भी संबोधित किया, पूर्व विधायकों की ओर से साथ देने पर सुभाष सैनी ने आभार व्यक्त किया।
रूड़की को जिला नियुक्त करने पर 2022 दिसंबर 25 को सुभाष सैनी ने क्या बोला था –
धरना मोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी ने कहा था रूड़की शहर के बेहतर विकास के लिए रूड़की का जिला बनना बहुत जरुरी हैं उत्तराखंड सरकार को आम आदमियों मजदूरों छोटे बड़े कर्मचारियों और व्यापारियों की भावनाओ से जुड़े इस मुद्दे का आदर करते हुए जल्दी से इस मांग को पूरा करना चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान के बाद नए जिलों के गठन की बात बढ़ती दिखाई जा रही है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड में 6 से 7 नए जिले बनाए जा सकते है। सरकार ने संकेत दिया है कि नए जिलों के गठन को लेकर प्रदेश की जनता के साथ चर्चा की जाएगी।
9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था उस समय राज्य में 13 जिले बने थे, उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, उधम सिंह नगर, आज भी प्रदेश में वही 13 जिलों की स्थिति हैं राज्य गठन के बाद में जिले की मांग तेज हो गई थी।