Uttarakhand UCC Bill Latest News: उत्तराखंड से एक खबर निकलकर आई है। जहां पर रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक हुई थी। जिसमे उत्तराखंड यूसीसी यानि समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा यूसीसी ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी गई है। इस UCC बिल को 6 फरवरी के दिन विधानसभा पटल पर Uttarakhand प्रदेश की सरकार पेश करेगी।
740 पेज की यूसीसी रिपोर्ट पर हुई चर्चा | Uttarakhand UCC Bill Latest News
रविवार शाम को हुई बैठक में। रंजना प्रकाश देसाई जो सुप्रीमकोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस है। उन्होंने समिति की ओर से बनाई गई यूसीसी ड्राफ्ट का प्रस्तुतिकरण दिया। इस यूसीसी की रिपोट में चार खंडों में 740 पेज थे। जिन पर चर्चा के बाद मंत्रिमंडल के सभी लोगो के द्वारा सर्वसम्मति के साथ इस पर मुहर लगा दी गई। इसी के साथ यूसीसी बिल तैयार करके उसे विधानसभा के पटल पर रखने की भी मंजूरी दे दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ.धन सिंह रावत, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन और रेखा आर्या आदि लोग शामिल थे। इस बनाए गए ucc बिल में कई नए नियम और कानून बनाए गए है। जैसे की बेटियों को बराबरी का अधिकार, मृत्यु के बाद समान संपत्ति का अधिकार, लिव इन की घोषणा, एक से अधिक विवहा आदि।
बिल आने से बदल जाएंगे ये नियम | Uttarakhand Uniform Civil Code Bill
- शादी के बाद यदि कोई पति-पत्नी तलाक लेता है तो दोनों को सामान अधिकार दिए जाएंगे। अभी तलाक में पति और पत्नी के पर्सनल लॉ के तहत अलग-अलग ग्राउंड हैं। लेकिन बिल आने के बाद दोनों को समान ग्राउंड मिलेगा।
- इस बिल के पास हो जाने के बाद शादी के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन करना जरुरी हो जाएगा। और यदि रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाएगा तो उन्हें कोई सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। इस रजिस्ट्रेशन की सुविधा ग्राम स्तर पर भी होगी।
- बिल के पास होने के बाद लड़कियों की विवाह करने की आयु बड़ा दी जाएगी ताकि लड़की शादी से पहले ग्रेजुएट हो सकें।
- लड़कियों को भी उत्तराधिकार में लड़कों के बराबर हक मिलेगा। अभी के समय में पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़की के मुकाबले लड़के को अधिक शेयर मिलता है।
- बिल पास होने के बाद कोई भी व्यक्ति बहुविवाह नहीं कर सकेगा। यानि बहुविवाह पर रोक लगा दी जाएगी।
- सभी लोगो के लिए गोद लेने की प्रक्रिया आसान बनाई जाएगी साथ ही सभी को गोद लेने का अधिकार मिलेगा।
- यदि किसी परिवार में पति-पत्नी के बीच लड़ाई झगड़ा होता है। तो ऐसे में ग्रैंड पैरेंट्स को बच्चों की कस्टडी दी जा सकती है।
- इद्दत और हलाला जैसी चीजों पर रोक लगाई जायेगी।
- अगर कोई व्यक्ति लिव इन रिलेशनशिप में आता है। तो उसका डिक्लेरेशन जरूरी होगा। यह एक स्व-घोषणा की तरह है जिसका एक वैधानिक प्रारूप हो सकता है।
- यदि किसी नौकरी करने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। तो मुआवजे के रूप में पत्नी को मिलने वाले पैसो में पति के वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी पत्नी पर ही होगी। और यदि पत्नी दूसरी शादी करती है तो मुआवजे के मिले पैसे में पति के माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
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