HomeUttarakhandHaridwarChandi Devi Temple Haridwar: मंदिर में लगी माता चंडी देवी की मूर्ति...

Chandi Devi Temple Haridwar: मंदिर में लगी माता चंडी देवी की मूर्ति 8वीं शताब्दी, श्रद्धालु आते है लाखो की संख्या में, जाने क्या है मान्यता

Chandi Devi Temple Haridwar: आज हम भारत के एक प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बात करेंगे। यह मंदिर उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर में स्थित है। इस मंदिर को चंडी देवी मंदिर के नाम से पुरे देश में जाना जाता है। साथ ही कुछ लोग इस मंदिर को नील पर्वत तीर्थ के नाम से भी जानते है। वैसे तो हर समय श्रद्धालु यहाँ पर आते है और माता के दर्शन करते है।

लेकिन नवरात्र के त्योहारों, चंडी चौदस और हरिद्वार में कुंभ मेले के समय अधिक संख्या में लोग यहाँ पर माता का आशीर्वाद लेने की लिए आते है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है की जो भी व्यक्ति यहाँ पर अपनी इच्छा मांगता है। माता उनकी इच्छा पूरी करती है। इस मंदिर के साथ ही हनुमान जी की माता अंजना माता का मंदिर भी है और चंडी देवी मंदिर में माँ के दर्शन के बाद लोग अंजना माता के मंदिर में भी दर्शन करते है।

चंडी देवी मंदिर का इतिहास | History of Chandi Devi Temple

बताया जाता है की यह मंदिर कश्मीर के राजा सुचत सिंह के द्वारा साल 1929 में उनके शासन के समय बनवाया गया था। यह मंदिर हिमालय के दक्षिणी तरफ की पर्वत श्रृंखला शिवालिक पहाड़ियों के पूर्वी तरफ के शिखर पर नील पर्वत पर बना है। हरिद्वार शहर में स्थित यह मंदिर चंडी देवी को समर्पित है।

बताया जाता है की। इस मंदिर में लगी माता चंडी देवी की मूर्ति 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य के द्वारा स्थापित करी गई थी। आदि शंकराचार्य सभी महान पुजारियों में से एक थे। चंडी देवी मंदिर को हरिद्वार में स्थित 5 तीर्थों में से एक माना जाता है। और इसकी बहुत मान्यता है।

इसे भी पढ़े:- Holi Kab Hai 2024: जाने होली, धुलेंडी, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और तिथि

चंडी देवी पौराणिक कथा | Chandi Devi Mythology

इस मंदिर से जुड़े इतिहास के अनुसार मान्यता है की। चंडी देवी जिन्हे चंडिका के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार उनकी उत्पत्ति तब हुई। जब शुंभ, निशुंभ राक्षस के द्वारा देव-राज इंद्र के राज्य स्वर्ग पर कब्जा कर लिया गया था। और राक्षसो ने सभी देवी देवताओ को राज्य से बहार निकाल दिया था। तब देवताओं ने इस मुसीबत में प्राथना की जिसके बाद माता पार्वती ने एक अत्यंत सुंदर देवी का रूप धारण किया। और राक्षसो के सामने गई।

तब अत्यंत सुंदर और असाधारण देवी को देखने के बाद राक्षस शुंभ ने देवी से शादी करने की इच्छा जताई। लेकिन देवी ने विवाह से इंकार कर दिया। फिर राक्षस ने देवी को मारने के लिए 2 राक्षसों को भेजा। लेकिन देवी के द्वारा उनका वध कर दिया गया। जिसके बाद शुंभ और निशुंभ ने भी देवी को मारने की कोशिश की लेकिन देवी ने उनका भी वध कर दिया। फिर देवी चंडिका ने नील पर्वत की चोटी पर विश्राम किया। जिसके बाद उस स्थान पर मंदिर की स्थापना की गई और साथ ही पर्वत पर स्थित दो चोटियों को शुंभ और निशुंभ कहा गया।

इसे भी पढ़े:- Chhath Puja 2024: छठ पूजा 2024 की तारीखें और महत्व, और कैसे मनाया जाता है यह पारंपरिक हिन्दू त्योहार।

हरिद्वार रेलवे स्टेशन से चंडी देवी की दूरी | Haridwar Railway Station to Chandi Devi Temple Distance

अगर आप चंडी देवी जाने के लिए हरिद्वार ट्रेन से आए हो और रेलवे स्टेशन से चंडी देवी तक की दूरी जानना चाहते हो तो आपको बता दे की रेलवे स्टेशन से चंडी देवी तक की दूरी 3.5 km है।

हर की पौड़ी से चंडी देवी की दूरी | Har ki Pauri to Chandi Devi Temple Distance

लेकिन अगर आप हरिद्वार में हर की पौड़ी पर आए हैं और वहां से चंडी देवी के मंदिर जाना चाहते हो तो बता दे हर की पौड़ी से चंडी देवी मंदिर की दूरी लगभग 4 km है।

बस स्टैंड से चंडी देवी की दूरी | Bus Stand to Chandi Devi Temple Distance

और यदि आप चंडी देवी जाने के लिए हरिद्वार बस से आए हो और बस स्टैंड से चंडी देवी तक की दूरी जानना चाहते हो तो बता दे की बस स्टैंड से चंडी देवी तक की दूरी 3.1 km है।

स्थान दूरी
हरिद्वार रेलवे स्टेशन से चंडी देवीलगभग 3.5 km
हर की पौड़ी से चंडी देवीलगभग 4 km
बस स्टैंड से चंडी देवीलगभग 3.1 km

चंडी देवी पैदल यात्रा | Chandi Devi Walking Tour

यदि आप चंडी देवी जा रहे हो। तो बता दे की हरिद्वार से चंडी देवी जाने के लिए आप अपने वाहन से आराम से चंडी देवी मंदिर जा सकते हो। और यदि आप अपने वाहन से नहीं आए हो तो आप रिक्शा या टेंपो की मदद से भी वहां पर जा सकते हो। जिसके बाद हमें मंदिर तक पहुंचने के लिए चढ़ाई पार करनी होगी। इसके लिए 2 तरीके है जिसमे से एक पैदल यात्रा है। और दूसरा उड़न खटोला या रोपवे यात्रा है। इसमें से आप किसी भी तरीके से मंदिर तक पहुंच सकते है।

लेकिन अगर आप पैदल चंडी देवी यात्रा कर रहे हो तो बता दे की। पैदल यात्रा करने के 2 रास्ते है। जिसमे से सबसे अधिक पहले रास्ते से लोग जाते है। जिसके लिए चंडी पुल पार करने के बाद हमें एक तिराहा देखने को मिलता है। जहां से हमे लेफ्ट साइड मुड़ना होगा। जिसके बाद आगे चलकर हमें चंडी देवी मंदिर जाने के लिए पैदल रास्ता मिल जाएगा। यहाँ से आप पैदल यात्रा शुरू कर सकते है। यह चढ़ाई लगभग 2 km की है। यदि आप अपने वाहन से पहुंचे हो तो वहीं पर आपको पार्किंग की भी सुविधा देखने को मिलेगी।

इसे भी पढ़े:- Ganesh Chaturthi se Anant Chaturdashi 2024 तक के 10 दिन, कैसे करें पूजा और गणेश विसर्जन ?

चंडी देवी रोपवे यात्रा | Chandi Devi Ropeway Tour

यदि आप चंडी देवी की चढाई नहीं कर सकते हो या आपके साथ छोटे बच्चे है। तो आप चंडी देवी की चढ़ाई रोपवे(उड़न खटोला) के द्वारा भी कर सकते है। इसके लिए हमें चंडी पुल पार करने के बाद तिराहा से राइट साइड मुड़ना होगा ।जिसके बाद हमें कुछ दूर चलने के बाद सबसे पहले दूसरा पैदल मार्ग देखने को मिलेगा। इसके बाद थोड़ी आगे चलने के बाद हमें रोपवे पर जाने का मार्ग दिखाई देगा। जहां से आप टिकट खरीद कर मंदिर तक रोपवे के द्वारा जा सकते है।

रोपवे से मंदिर जाने में कुल 10 से 15 मिनट का समय लगता है। यह रोपवे लगभग 740 मीटर की लम्बाई और 208 मीटर की उचाई तय करता है। रोपवे से मंदिर की यात्रा में हमें बहुत खूबसूरत नज़ारे भी देखने को मिलते है। साथ ही इस सूविधा के कारण बुजुर्ग लोग भी माता चंडी देवी के दर्शन कर पाते है।

चंडी देवी से मनसा देवी रोपवे टिकट | Chandi Devi and Mansa Devi Ropeway Ticket Price

अगर आपने चंडी देवी मंदिर की चढ़ाई के लिए रोपवे मार्ग चुना है। और आपको टिकट की कीमत नहीं पता तो बता दे की चंडी देवी मंदिर की चढ़ाई की टिकट 349 रुपये प्रति व्यक्ति है। साथ ही अगर आपके साथ ऐसे बच्चे है। जिनकी आयु 2 साल से 4 साल है। तो उनके लिए एक टिकट की कीमत 195 रुपए है। और 2 साल से छोटे बच्चे के लिए कोई टिकट नहीं है।

इस टिकट में चंडी देवी और मनसा देवी दोनों रोपवे मिलते है। इस एक टिकट से आप मनसा देवी और चंडी देवी के रोपवे में आ जा सकते है। यह टिकट दोनों जगह के रोपवे के लिए है। और यदि आप अपने वाहन से चंडी देवी से मनसा देवी के रोपवे तक जाना चाहते हो तो जा सकते हो। लेकिन अगर आप चाहो तो एक जगह से दूसरी जगह जाने का भी टिकट करा सकते है। जिसके टिकट की कीमत 95 रुपये है। जिसमे आपको बस के द्वारा मनसा देवी से चंडी देवी तक लिजाया जाएगा।

प्रति व्यक्ति टिकट 349 रुपये
2 साल से 4 साल के बच्चे का टिकट 195 रुपये
रोपवे यात्रा का समय10 से 15 मिनट
चंडी देवी से मनसा देवी टिकट 95 रुपये

चंडी देवी रोपवे का समय | Chandi Devi Ropeway Timings

यदि आप चंडी देवी मंदिर जाने के लिए रोपवे का इस्तमाल कर रहे हैं। तो बता दे की यह रोपवे हर समय नहीं चलता इसके चलने का कुछ समय निर्धारित किया गया है। यह रोपवे सुबह 7 बजे से शुरू होता है और शाम 6 बजे तक चलता है। शाम 6 बजे के बाद रोपवे सेवा बंद कर दी जाती है। जो अगले दिन सुबह 7 बजे खुलती है।

रोपवे सेवा खुलने का समयसुबह 7 बजे से
रोपवे सेवा बंद होने का समयशाम 6 बजे तक

चंडी देवी मंदिर जाने का समय | Chandi Devi Temple Haridwar Timings

यदि आप चंडी देवी मंदिर जा रहे हो तो आपको समय का भी ध्यान रखना आवश्यक है। क्योकि मंदिर में जाने का समय भी सुनिश्चित किया गया है। मंदिर में आप सुबह 5 बजे से शाम के 5:30 बजे तक माता के दर्शन कर सकते है। इसके बाद शाम 6 बजे से शाम 7 बजे तक आप माता के दर्शन कर सकते है। शाम 7 बजे के बाद और सुबह 5 बजे से पहले आप माता के दर्शन नहीं कर सकते।

इसे भी पढ़े:- Child drowned to death at Har ki pauri in Haridwar: इंसानियत को शर्मसार करने खबर , तड़पा तड़पा के मार डाला 5 साल के बच्चे को


Mohit Kumar
Mohit Kumar
आप सभी को नमस्कार और धन्यवाद साइट पर विजिट करने के लिए मेरा नाम Mohit kumar है। मैं addshine24x7 में काम करता हूँ। मेरी आर्टिकल लिखने में काफी रूचि है और हर रोज मेरा काम नए आर्टिकल खोजना और उन पर काम करना रहता है, उम्मीद है आपको मेरे लिए आर्टिकल अच्छे लगते होंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here