Uttarakhand High Court to Shift From Nainital: इन दिनों हाईकोर्ट को शिफ्ट करने को लेकर गरमा गर्मी बनी हुई है। एक मामले की सुनवाई के समय मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और आर के सुधांशु वीसी जो एक मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव है। दोनों कोर्ट में उपस्थित हुए। उस समय हाईकोर्ट ने नैनीताल से हाई कोर्ट दूसरी जगह शिफ्ट करने की सूचना दी। साथ ही उसी दिन दोपहर के बाद अधिवक्ताओं और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का पक्ष भी सुना गया।
हाईकोर्ट शिफटिंक की इच्छा को जानने के लिए बनेगा पोर्टल | Uttarakhand High Court to Shift From Nainital
इस हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के मामले में हाईकोर्ट ने बताया की इस मामले में अधिवक्ताओं के साथ-साथ जनसामान्य की राय लेना भी काफी जरुरी है। मुख्य न्यायधीश रितू बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय को 14 मई 2024 तक एक पोर्टल तैयार करने को कहा। यह एक ऐसा पोर्टल होगा जहां पर अधिवक्ताओं व जनसामान्य के इस मामले में सुझाव लिए जाएंगे. की वह नैनीताल से हाईकोर्ट को शिफ्ट करना चाहते है. या नहीं।
इस पोर्टल पर यदि कोई वादकारी व अधिवक्ता हाईकोर्ट को हटाने के पक्ष में होगा तो वह हां, चुनकर अपनी इच्छा स्वतंत्रता के साथ बता सकेगा। और यदि कोई हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के विपक्ष में होगा तो वह नहीं चुनकर अपनी इच्छा जाहिर कर सकता है। इस पोर्टल पर 31 मई तक सभी लोगो को अपनी इच्छाए दर्ज करना जरुरी है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिए की इस सूचना को जिलों में व्यापक प्रसार वाले स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करे।
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मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ है शिफ्टिंग के विपक्ष में
हाईकोर्ट को शिफ्ट करके जहां लिजाने के लिए जगह चुनी गई है। वह गौलापार में है जिसको लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा है की वहां पर 75 फीसदी तक वन भूमि है। और ऐसे में उन जगहों पर हाईकोर्ट को बनाने में कई सारे पेड़ पौधों को काटना पड़ेगा जो की बिलकुल भी सही नहीं होगा। जिस वजह से हाईकोर्ट गौलापार में शिफ्टिंग के विपक्ष में है।
नैनीताल में नहीं है सुविधाए
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के द्वारा कहा गया की। वादकारियों और युवा अधिवक्ताओं को नैनीताल में हो रही परेशानियों को मध्य नजर रखते हुए. हाईकोर्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करना बहुत जरुरी है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने यह भी बताया की युवा अधिवक्ताओं व वादकारियों को नैनीताल में कनेक्टिविटी व चिकित्सा में असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
साथ ही राज्य सरकार के 75 प्रतिशत से अधिक पक्षकार कोर्ट में होने. और अधिकारियों व कर्मचारियों के नैनीताल हाईकोर्ट में आने से होने वाले टीए व डीए के खर्च को देखते हुए. हाईकोर्ट को नैनीताल से हटाकर किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट करना जरुरी है।
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हाईकोर्ट ने किया समिति का गठन
हाईकोर्ट के द्वारा मुख्य सचिव को उत्तराखंड सरकार को उच्च न्यायालय की स्थापना, न्यायिक अधिकारियों, कोर्ट रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल, न्यायाधीशों, कर्मचारियों के लिए आवासीय आवास, कम से कम सात हजार वकीलों के लिए चैंबर, कैंटीन और पार्किंग के लिए सबसे सही जमीन का पता लगाने को कहा है।
हाईकोर्ट ने एक समिति गठित की है। यह समिति रजिस्ट्रार जनरल की अध्यक्षता में गठित की गई। जिसमें प्रमुख सचिव, विधायी और प्रमुख सचिव, गृह, राज्य बार काउंसिल द्वारा नामित एक सदस्य, संसदीय कार्य, दो वरिष्ठ अधिवक्ता, बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अध्यक्ष और एक अन्य इसके सदस्य शामिल किए गए हैं।
इस समिति को कहा गया है. की वह संबंधित पक्षों की राय लेने के बाद 7 जून 2024 तक सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट को दे। और इस मामले की सुनवाई 25 जून 2024 को रखी गई है।
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