PCS-J Exam Kotdwar Srishti Baniyal Became a Judge After Passing: उत्तराखंड की एक और बेटी ने साबित कर दिया है। की लड़किया कुछ भी कर सकती है। और जो चाहे वो बन सकती है। बता दे सोमवार को पीसीएस-जे की परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ। जिसमे उत्तराखंड की सृष्टि बनियाल ने इतिहास रचते हुए पहली बार में ही इस परीक्षा को पास कर लिया. और जज बन गई। और ऐसा करके उन्होंने अपने घरवालों का नाम पुरे उत्तराखंड में रोशन कर दिया।
पहले प्रयास में परीक्षा पास कर बनी जज | PCS-J Exam Kotdwar Srishti Baniyal Became a Judge After Passing
अभी के समय में पीसीएस-जे की परीक्षा पास करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन इस नामुमकिन काम को कोटद्वार की रहने वाली सृष्टि बनियाल ने मुमकिन कर दिखाया है। बताया जा रहा है की सृष्टि को बचपन से ही वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने का बहुत शौक था। जिसे देखते हुए उनके पिता ने उन्हें लॉ के क्षेत्र में अपना करियर बनाने को कहा।
सृष्टि बनियाल के पिता चाहते थे. की सृष्टि आगे चलकर जज बने. और समाज के वंचित वर्ग के लोगो को न्याय दिलाने में उनका साथ दे। लेकिन सृष्टि के पिता की किस्मत में अपनी बेटी को जज बनते देखना नहीं था। इसलिए जब सृष्टि तैयारी कर रही थी तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई।
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पिता का सपना पूरा करने के लिए रच दिया इतिहास
हाल ही में जज बनी सृष्टि शुरू से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थी। और उन्होंने 2022 में इलाहाबाद के विवि से 5 साल की इंटिग्रेटेड बीए-एलएलबी पूरी की थी। जिसमे उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया था। साथ ही हाल ही में वह इलाहाबाद के विवि से एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं। जब सृष्टि ने उत्तराखंड पीसीएस-जे की परीक्षा पास करी और जज बनी। उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए कहा की अगर आज मेरे पिता जिन्दा होते तो वह बहुत खुश होते. और आज मेने जज बनकर अपने पिता का सपना पूरा कर दिया है।
पिता ने कैंसर के चलते दुनिया को कहा अलविदा
सृष्टि बनियाल के पिता गोपाल कृष्ण बनियाल हाल ही में बीईएल हरिद्वार से रिटायर हुए थे। लेकिन अपनी बेटी को जज बनता देखने से पहले ही फरवरी 2023 में सृष्टि के पिता इस दुनिया को छोड़ के चले गए। जिसका कारण फेफड़े का कैंसर था. जिसके चलते उनकी जान चली गई। यह समय सृष्टि के लिए काफी दुःख भरा था। लेकिन सृष्टि ने हार नहीं मानी और पापा का सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी। और सृष्टि की मेहनत बेकार नहीं गई और वह अपने पहले पीसीएस-जे की परीक्षा पास कर जज बन गई।
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