More than 52 Thousand Voters Used NOTA in Uttarakhand: हाल ही में 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित हुआ। जिसके साथ ही भाजपा ने उत्तराखंड में धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए उत्तराखंड की पांचो सीट अपने नाम कर ली। और भाजपा के नेताओं को सभी ने पसंद किया। लेकिन कई लोग ऐसे भी थे जिन्हे 55 लोकसभा प्रत्याशियों में से कोई भी प्रत्याशि पसंद नहीं आया। और इस लिए उन्होंने नोटा दबाकर अपनी इच्छा जाहिर कर दी।
52 हजार से अधिक मतदाताओं ने किया नोटा | More than 52 Thousand Voters Used NOTA in Uttarakhand
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को उत्तराखंड में पांचो सीटों पर एक तरफा जीत हांसिल हुई। साथ ही उत्तराखंड में सभी पांचो सीटों पर लगभग कुल 56 प्रतिशत मतदान हुए। इस बार चुनावों की एक खास बात यह भी रही। की उत्तराखंड में 52,630 मतदाता ऐसे थे। जिन्होंने वोटिंग के समय नोटा यानी नन ऑफ द एबव का बटन दबाकर सन्देश दिया. की उन्हें किसी भी पार्टी का कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आया।
चुनावो में नोटा हमें अधिकार देता है। की यदि हमें कोई प्रत्याशी पसंद न आए या कोई भी उम्मीदवार वोट देने के योग्य नहीं है तो आप नोटा का प्रयोग कर सकते है। और अपनी इच्छा जाहिर कर सकते है।
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इस सीट पर सबसे अधिक मतदाताओं ने किया नोटा का इस्तेमाल
अगर सबसे अधिक नोटा के इस्तेमाल की बात करे. तो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सबसे अधिक मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। और अल्मोड़ा के 16,697 मतदाताओं ने सभी उमीदवारों को नकार दिया। जिसके बाद दूसरा नम्बर गढ़वाल का रहा जहां 11,224 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया।
साथ ही 10,425 नोटा के साथ तीसरे नम्बर पर नैनीताल रहा व 7458 नोटा के साथ टिहरी चौथे नम्बर पर रहा। जबकि हरिद्वार 6826 नोटा मतदाताओं के साथ पांचवे नम्बर पर रहा। ईवीएम के साथ ही पोस्टल बैलेट में भी मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया जिसमे की हरिद्वार के पोस्टल बैलेट में 163, नैनीताल में 198, टिहरी में 154 लोगो ने नोटा का इस्तेमाल किया।
इन सीटों पर नोटा रहा तीसरे स्थान पर
इस बार नोटा का इस्तेमाल मतदाताओं ने काफी अधिक किया। यहाँ तक की 2 सीट ऐसी रही. जहां नोटा ने तीसरा स्थान हांसिल किया। अल्मोड़ा के सात उमीदवारो में भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे नंबर पर नोटा रहा। और भाजपा व कांग्रेस के सिवा किसी भी उमीदवार को नोटा से अधिक वोट नहीं मिले। साथ ही यही कहानी हमें गढ़वाल लोकसभा सीट पर भी देखने को मिली और वहां भी नोटा भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे नंबर पर रहा।
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