IIT Roorkee Passed Student Modified Bolero To Autonomous Car: आई आई टी रूडकी से B.tech करने के बाद एक स्टूडेंट ने AI से चलने वाली ऑटोमैटिक कार बनाने का सपना देखा उन्होंने रिसर्च किया की गूगल, टेस्ला जैसी कंपनी driverless कार को बनाने के लिए काम कर रही है इसलिए इन्होने सोचा की हमें भी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद से इस क्षेत्र में काम करना चाहिए इसके लिए इनके पास क्या क्या चुनौतियां आई है इस सब के बारे में हम इस लेख में जानेंगे।
Autonomous Driving In India
आई आई रूड़की से 2011 में बी टेक करने के बाद संजीव शर्मा ने USA में हो रहे एक COMPETITION में आटोमेटिक वाहनों को चलते हुए देखा था और तभी संजीव ने यह ठान लिया था की यह टेक्नोलॉजी मुझे अपने भारत जैसे देश में लानी है जिसमे अभी इतना डेवलोपमेन्ट नहीं हुआ है यहाँ के वातावरण और व्यस्त सड़क पर ऑटोनोमस कार चलाने के लिए एक बेहतरीन सॉफ्टवेयर डेवलप करना होगा और तभी से संजीव ने खुद से पढ़ना शुरू करदिया और यह मशीन लर्निंग के बारे में पढ़ाई करने लगे और इनका पहला रिसर्च रोबोटिक्स बन गया जिसके बाद संजीव ने अपना स्टार्टअप Swaayatt Robots नाम से शुरू किया।
Swaayatt Robots
संजीव शर्मा का यह स्टार्टअप ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक को सभी के लिए सुलभ, किफायती और उपलब्ध बनाने के लिए काम कर रहा है स्वायत का मिशन लेवल-5 ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक के विकास पर जोर दे रहा है, यह एक ऐसे भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है जहां वाहन पूरी तरह से अपने आप चल सकें। इस लक्ष्य में आगे बढ़ते हुए, स्वायत का पहला उद्देश्य भारत की सड़कों पर 100 किमी/घंटा की ऑटोनॉमस ड्राइविंग का एक प्रदर्शन करना है।
यह प्रदर्शन स्वायत की तकनिकी क्षमताओं के एक ठोस प्रदर्शन के रूप में काम करेगा, इससे यह पता चलेगा की स्वायत Autonomous सिस्टम्स वास्तविक दुनिया के वातावरण को उच्च गति पर कैसे लेकर जा सकती हैं। इस चीज़ को कर दिखाकर स्वायत के संजीव शर्मा न केवल सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि परिवहन के उच्चतम भविष्य को भी वास्तविकता में ला रहे हैं।
इसे भी पढ़े:- Roorkee News: 9 लाख की अंग्रेजी शराब 100 पेटियां हुई बरामद
Swaayatt Robots Future Work
संजीव शर्मा ने अपनी टेस्टिंग के लिए महिंद्रा की बोलेरो कार को चुना और उस कार पर ही लाखो का खर्चा करके अपनी रिसर्च करने लगे इन्होने इस कार पर तरह तरह के डिवाइस लगाए हुए है और चारो और कैमरे लगाए हुए है और साथ ही सेंसर्स भी लगाए है और यह आस पास भीड़ में या हर तरह की सड़क पर गाडी को चला कर टेस्टिंग करते रहते है इनका कहना है की मुझे एक किफायती और लेवल 5 की ऑटोनोमस कार तैयार करनी है।