Due to Lack of e-KYC the Amount of PM Kisan Samman Nidhi Yojana did not Reach the Accounts of Farmers: उत्तराखंड में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्ग्रस्त लाखो किसानों को कुछ रकम दी जाती है। लेकिन ई-केवाईसी न होने व बैंक खाता, आधार नंबर और जमीन के रिकॉर्ड में जानकारी समान ना होने के कारण काफी अधिक संख्या में किसानों को सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली धनराशि नहीं मिली। बता दे इस समय उत्तराखंड में 771567 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे है।
योजना का लाभ उठा रहे थे अपात्र किसान | Due to Lack of e-KYC the Amount of PM Kisan Samman Nidhi Yojana did not Reach the Accounts of Farmers
भारत भर में किसानो की स्थिति बहुत नाजुक है और आए दिन किसानों के आत्महत्या करने की भी खबरे आती रहती है। और किसानो की मजबूरियों को मध्य नजर रखते हुए केंद्र सरकार के द्वारा एक योजना शुरू की गई थी। यह योजना दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी जिसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना नाम दिया गया था।
इस योजना के अन्तर्ग्रस्त केंद्र सरकार के द्वारा उत्तराखंड के लाखों किसानों को पैसे दिए जाने थे। इस योजना में उत्तराखंड के लगभग 9 लाख किसान पंजीकृत हैं। जिसमे की जब यह योजना शुरू हुई थी तब सभी पंजीकृत किसानों के बैंक खातों में योजना के तहत दो हजार रुपये की धन राशि दी गई थी। परन्तु इन किसानो में कई किसान ऐसे भी थे जो इस योजना का लाभ उठाने के पात्र नहीं थे।
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योजना में गड़बड़ी को रोकने के लिए शुरू की थी ई-केवाईसी
केंद्र सरकार को जैसे ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में हो रही गड़बड़ी का पता चला तो सरकार ने दस्तावेजों के सत्यापन के लिए ई-केवाईसी शुरू करी। जिसमे की किसानों के बैंक खाता संख्या, आधार नंबर व जमीन से संबंधित खतौनी और खसरा नंबर का सत्यापन किया गया।
अभी भी उत्तराखंड में एक लाख से अधिक ऐसे किसान है। जिनकी ई-केवाईसी नहीं हुई है। जिसके कई कारण है कुछ किसानो को ई-केवाईसी के बारे में जागरूकता नहीं है तो कुछ किसानो के दस्तावेजों में कुछ भिन्नता है। जिस वजह से एक लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे है।
जागरूकता शिविर लगाने के दिए निर्देश
किसानो को योजना का लाभ मिलने और ई-केवाईसी के बारे में जानकारी ना होने को लेकर गणेश जोशी जो की कृषि एवं उद्यान मंत्री है उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। की उत्तराखंड में सभी योजना के पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जाए। और जिन किसानों की ई-केवाईसी नहीं हो सकी है। उनके लिए प्रदेश भर में जागरूकता शिविर लगाए।
इन जिलों में इतने किसानों की नहीं हो पाई है ई-केवाईसी
जिलों के नाम | किसानों की संख्या |
हरिद्वार | 31603 |
पिथौरागढ़ | 6017 |
चमोली | 3721 |
नैनीताल | 1408 |
बागेश्वर | 2253 |
ऊधमसिंह नगर | 6652 |
चंपावत | 2388 |
रुद्रप्रयाग | 1677 |
देहरादून | 835 |
उत्तरकाशी | 562 |
अल्मोड़ा | 14200 |
टिहरी | 2767 |
पौड़ी | 2504 |
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