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Bageshwar Uttarakhand: क्या है बागेश्वर की प्रसिद्धि कौन से देवता की होती है साधना-पूजा

Bageshwar Uttarakhand: बागेश्वर भारत के देवभूमि के नाम से जाना जाने वाले उत्तराखंड में स्थित है यह शहर अपने अत्यन्त सुन्दर प्राकृतिक वातावरण, नदियों और मंदिरो के लिए जाना जाता है और यहाँ पर बड़े ग्लेशियर के पहाड़ भी है बागेश्वर दो नदियों के संगम पर बना है जिनका नाम सरयू और गौमती नदी है यह जगह चारो और पहाड़ो से घिरी हुई है जिसमे भीलेश्वर और नीलेश्वर पहाड़ और सूरज कुंड व अग्नि कुंड सम्मिलित है यह शहर अपना ही अत्यधिक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है और इसका उल्लेख हिन्दू धर्म ग्रन्थ स्कन्द पुराण में भी दिया गया है जहा इस जगह को भगवान शिव जी से जोड़ा गया है।

History Of Bageshwar Uttarakhand

बागेश्वर शहर और बागनाथ मंदिर का उल्लेख हिन्दू धर्म ग्रन्थ शिव पुराण के मानसखंड में देखने को मिलता है, जहां पर लिखा है कि मंदिर और इसके आसपास के शहर का निर्माण शिव भगवान के सेवक चंदीश ने किया था। एक अन्य हिंदू ब्राह्मण के अनुसार, ऋषि मार्कंडेय ने यहां पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी। भगवान शिव ने एक बाघ के रूप में अवतरित होकर ऋषि मार्कंडेय को आशीर्वाद दिया था।

Why Visit Bageshwar Uttarakhand

बागेश्वर शहर आध्यात्मिकता के प्रतिक पवित्र मंदिरो का घर माना जाता है इन मंदिरो का अपना पौराणिक इतिहास है जैसे की बागनाथ मंदिर जिसपर इस शहर का नाम रखा गया, चंडिका मंदिर यह मंदिर चंडिका देवी को समर्पित है फिर आता है श्रीहरि मंदिर जिसमे भक्तो की इच्छा पूर्ण होती हैं और गौरी उडियार जोकि एक बड़ी गुफा है जिसमे शिव भगवान् की मूर्ती स्थापित है।अगर कोई व्यक्ति हिन्दू त्यौहारो के समय बागेश्वर आता है तो उनको अलग ही दिव्यज्योति का आभास होता है और वे यहाँ के पारम्परिक त्यौहार मानाने के तरीको को देखकर मंत्र्मुग्ध हो जाते है

बागेश्वर एक ट्रैकिंग स्पॉट भी है यहाँ पर आप पिंडारी ग्लेशियर, कफनी और सुंदरदुंगा जैसी ट्रैकिंग साइट पर जा सकते है अगर आप बागेश्वर आये तो यह जगह तो घुमनी ही चाहिए।

Temples In Bageshwar Uttarakhand

बागेश्वर में 93.34% लोग हिंदू धर्म को मानते हैं और इसलिए बागेश्वर में विभिन्न हिन्दू मंदिर स्थित हैं। उनमे से कुछ प्रमुख है:-

Bagnath Temple

bagnath temple

बागनाथ मंदिर गोमती और सरजू नदियों के संगम पर नुकीली आकार की मीनार वाला एक बड़ा मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव का प्रतिक माना जाता है। यह मंदिर कुमाऊं के राजा लक्ष्मी चंद द्वारा लगभग 1450 ई. में बनवाया गया था वहां पर बहुत पहले के समय का एक संस्कृत शिलालेख मिला था। हर साल शिवरात्रि पर इस मंदिर में भक्तो की भीड़ रहती है। इस मंदिर के अलावा आसपास बहुत सारे मंदिर भी देखने को मिल जाएंगे।

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Baijnath Temple

baijnath temple

बैजनाथ मंदिर 18 हिंदू मंदिरों का एक समूह है यह मंदिर परिसर बागेश्वर जिले में गोमती नदी के किनारे पर स्थित है। ये मंदिर भारत के उन बहुत कम मंदिरों में से एक होने के लिए जाना जाता हैं जहां शिव भगवान और उनकी पत्नी पार्वती को एक साथ चित्रित किया गया है। शिवरात्रि और मकर संक्रांति के अवसर पर लाखो की भीड़ के साथ तीर्थयात्री यहां पहुंचते हैं। यहां 102 पत्थर की छवियां हैं, जिनमें से कुछ की पूजा की जाती है, जबकि अन्य को Archaeological Survey of India द्वारा आरक्षित किया गया है। बैजनाथ मंदिर परिसर में प्रमुख देवता वैद्यनाथ शिव, पार्वती, नृत्य गणपति, कार्तिकेय, नरसिम्हा, ब्रह्मा, महिषासुरमर्दिनी, सप्त नर्तिका, सूर्य, गरुड़ और कुबेर हैं।

Chandika Temple

chandika temple 1

बागेश्वर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर चंडिका मंदिर है। जो देवी चंडिका को समर्पित है हर साल नवरात्रों के दौरान मंदिर में काफी चहल-पहल रहती है, क्योंकि श्रद्धालु यहां नवरात्रों के दौरान देवी की पूजा करने के लिए इकठ्ठा होते हैं।

Sriharu Temple

बागेश्वर से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित श्रीहरु मंदिर एक अन्य महत्वपूर्ण मंदिर है भक्तों का मानना है कि यहां मनोकामना पूर्ति के लिए की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। जिस वजह से हर साल, नवरात्र के बाद विजयादशमी के दिन एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।

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Gauri Udiyar

gauri udiyar

यह मंदिर बागेश्वर से 8 किमी दूर स्थित है, यहां एक बड़ी गुफा है जिसमें भगवान शिव की कई मूर्तियां प्राकृतिक रूप से बानी हुई हैं।

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