Mool Niwas Swabhiman Maha Rally 24 December 2023: पिछले कई सालो से उत्तराखंड में भूमि कानून 371 और मूल निवास 1950 की मांग उठती रही है। लेकिन कभी इस पर कोई कानून नहीं बनाया गया। जिसको लेकर कई लोगो ने इसके लिए बीच बीच में आवाज उठाई है। और सरकार से इस कानून को जल्द ही बनाने की गुजारिश करी है। इसके चलते 24 दिसंबर 2023 को एक रैली का भी आयोजन किया गया है।
मूल निवास स्वाभिमान महारैली (Mool Niwas Swabhiman Maha Rally 24 December 2023)
सरकार के द्वारा कानून बनाने की मांग न सुनने को लेकर। 24 दिसंबर 2023 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित परेड ग्राउंड में एक मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया गया है। जो शहीद स्मारक तक जाएगी। गढ़गौरव और उत्तराखंड की संस्कृति के ध्वजवाहक नरेंद्र सिंह नेगी ने भी सोशल मीडिया पर अपनी एक वीडियो के माध्यम से सभी उत्तराखंड निवासियों को इस रैली में शामिल होने को कहा है। और 24 दिसंबर को देहरादून आने की गुजारिश करी है। इस रैली का लक्ष्य भूमि कानून 371 और मूल निवास 1950 प्रावधान को उत्तराखंड में लाना है।
नरेंद्र सिंह नेगी वीडियो
नरेंद्र सिंह नेगी ने अपनी सोशल मिडिया पर डाली वीडियो में कहा की मूल निवास व्यवस्था समाप्त होने से हमारी पहचान का संकट पैदा हो गया है। आज बाहरी राज्यों के 40 लाख से ज्यादा लोग यहाँ आकर स्थाई निवासी बन गए है। जिससे हमारे रोजगार व्यवसाय तथा नई पीढ़ी का भविष्य प्रभावित हो रहा है। और साथ ही नरेंद्र सिंह नेगी ने 24 दिसंबर 2023 को देहरादून परेड ग्राउंड में पहुंचकर इस “मूल निवास स्वाभिमान महारैली में शामिल होकर अपने स्वाभिमान और हक़ की लड़ाई को लक्ष्य तक पहुंचाने की गुजारिश करी है।
मूल निवास 1950 प्रावधान क्या है?
मूल निवास 1950 प्रावधान को लाने की मांग काफी सालो से उठती रही है। 1950 प्रावधान साल 1950 में राष्ट्रपति के आदेश के बाद इस प्रावधान को भारत के सभी राज्यों में लागू कर दिया गया था। लेकिन उत्तराखंड में इस प्रावधान को ख़त्म कर दिया गया था। इस प्रावधान के अनुसार 8 अगस्त और 6 सितंबर 1950 को एक आदेश दिया गया। जिसमे जो व्यक्ति जिस राज्य में है। वो वहीं का मूल निवासी माना जाएगा। और उसी राज्य के द्वारा ही उस व्यक्ति को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
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भूमि कानून 371 क्या है?
उत्तराखंड में काफी समय से भूमि कानून 371 की मांग उठती रही है। यह कानून भारत के कई राज्यों में है। और अब इसे उत्तराखंड में भी लाने की मांग उठ रही है। और अब 24 दिसंबर 2023 को देहरादून परेड ग्राउंड में महारैली का आयोजन भी किया जा रहा है। यह कानून जिस राज्य में लगाया जाता है। उस राज्य में किसी बहार के राज्य से आया व्यक्ति जमीं नहीं खरीद सकता सिर्फ उसी राज्य का ही मूल निवासी उस राजय में जमीं खरीद सकता है।
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भूमि कानून 371 और मूल निवास 1950 प्रावधान आने से क्या होगा
मूल निवास स्वाभिमान महारैली में उठ रहे भूमि कानून 371 और मूल निवास 1950 प्रावधान के उत्तराखंड में आने से बहुत कुछ बदल जाएगा। और इससे होने वाले बदलाव नीचे दिए गए है।
- उत्तराखंड में बहार का कोई व्यक्ति जमीं नहीं खरीद पाएगा।
- उत्तराखंड राज्य के सभी कॉलेजों और विश्विद्यालय में उत्तराखंड मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- उत्तराखंड में सभी प्राइवेट और सरकारी नौकरियों पर पहला हक उत्तराखंड निवासियों का होगा।
- उत्तराखंड राज्य के सभी संसाधनों पर पहला हक यहां के मूल निवासियों को मिलेगा।
- यह कानून आने के बाद बाहर के राज्य का कोई व्यक्ति मूल निवासियों का उत्पीड़न नहीं कर सकेगा।
- इन कानून के आने के बाद उत्तराखंड की संस्कृति को ख़त्म होने से बचाया जा सकेगा।
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