Baba Tarsem Singh Murder Case: यह घटना उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की है जिसमे पता चला है की बृहस्पतिवार के दिन सुबह लगभग 6 से 7 बजे के बीच नानकमत्ता साहिब गुरद्वारे के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह बाहर कुर्सी पर बैठे थे तभी दो अनजान बाइक सवार उनके पास आते है और 3 गोली बाबा तरसेम की तरफ चलाते है जिसमे से 2 गोली बाबा को लगती है फिर उनको हॉस्पिटल लेजाया जाता है जहा उनकी मौत होजाती है।
Udhamsingh Nagar
Breaking News: Sikh religious Leader Karseva head of Gurudwara Nanakmatta Sahib Baba Tarsem Singh shot dead in Udham Singh Nagar district. Bike riding miscreants shot him three times. The reason for the murder is a mystery #Sikh #Punjab #India pic.twitter.com/41JLFQ7OMZ
— Crime Reports India (@AsianDigest) March 28, 2024
पुलिस लगातार वारदात की जांच कर रही है कातिलों की तस्वीरें CCTV कैमरे में कैद है छानबीन की जा रही है सूत्रों से यह भी पता चला है की यह कातिल कई दिनों से बाबा तरसेम को मारने की योजना बनाये हुए थे इसके लिए इन्होने कुछ दिनों के लिए सराय में कमरा भी किराए पर लिया हुआ था लोग पूछ रहे है की अचार संहिता लगने के बावजूद भी इन कातिलों को हथ्यार कहा से मिला और बिना नंबर प्लेट की बाइक कहा से मिली बहुत से सवाल है लेकिन पुलिस इस बात की लगातार छानबीन कर रही है।
Who Is Baba Tarsem Singh
बाबा तरसेम सिंह उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में स्थित नानकमत्ता गुरद्वारे के प्रमुख कर सेवा थे इन्होने समाज के लिए भी कई कार्य किये है इनके ऊपर गुरद्वारे की कई जिम्मेदारियां थी जब जब उत्तराखंड में आपदा आती थी तो इनके गुरद्वारे से लंगर और अन्य जरुरी सामग्री उपलब्ध कराई जाती थी उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली और पंजाब में भी लोग इनकी काफी प्रशंसा करते थे और इनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी इसीलिए इनके अनुयायी बहुत दुखी है की किस वजह से बाबा तरसेम को मारा गया क्या वजह थी हालांकि इस बात की जांच पुलिस कर रही है।
Uttrakhand CM Pushkar Singh Dhami
जैसे ही नानकमत्ता की खबर का पता उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पता चला तभी उन्होंने नानकमत्ता आने का प्लान बनाया और घटना की जगह पर पहुंचे धामी ने पुलिस से बात कर घटना के बारे में जाना और वह बाबा तरसेम सिंह से अंतिम बार मिलने गए बाबा को देख पुष्कर सिंह अपने आंसू न रोक पाए ऊधमसिंह नगर पुष्कर धामी का गृह क्षेत्र है इसलिए उन्हें इस घटना के बारे में सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ तथा उन्होंने घटना की जल्द से जल्द कारवाही करने का प्रस्ताव रखा।
Nanakmatta Sahib
गुरु नानक देव जी 1514 ई. में अपनी तीसरी उदासी के दौरान यहां आए थे। उस समय, यह स्थान सिद्धों, योगियों का निवास स्थान था और इसे गोरखमाता कहा जाता था। यहां रहने वाले सिद्ध नहीं चाहते थे कि स्थानीय लोग इतने विद्वान बनें कि उनकी श्रेष्ठता को चुनौती दे सकें। इसलिए, उन्होंने अपनी गुप्त शक्तियों का उपयोग करके गरीब लोगों का सफलतापूर्वक शोषण किया। गुरु नानक देव जी ने योगियों को सच्चे ध्यान और मोक्ष का मार्ग सिखाया।