पुराने संसद भवन के होते हुए भी क्यू नया संसद भवन बनाया गया है? आइए जानते है –
पुराने संसद भवन का आकार गोल व नए संसद भवन का आकार त्रिकोण है, तथा पुराने संसद भवन का क्षेत्र= 24,000 वर्ग मीटर व नए भवन का क्षेत्र= 64,500 वर्ग मीटर है।
पुराने संसद भवन में 543 लोक सभा सीट और नए संसद भवन में लोक सभा की सीट्स 888 है
पुराने संसद भवन में राज्य सभा की सीट 245 तथा नए संसद भवन में राज्य सभा की सीट्स 384 है
पुराने संसद भवन का उदघाटन 18 जनवरी 1927, नए संसद भवन का उदघाटन 28 मई 2023 को हुआ नीचे आप इन दोनो संसद भवनों का नक्शा भी देख सकते है –
पुराने संसद भवन की बिल्डिंग 100 साल पुरानी होने के चलते उसमे कई तरह की समस्याएं थी जैसे – भूकंप व अग्नि सुरक्षा के मामले में अति दिनांकित(overdated), टेक्नोलॉजी परिवर्तन जैसे सी सी टीवी, दृश्य तंत्र, एयर कंडीशन इन सभी के मामले में भी ओवरडेटेड और डिजिटलाइजेशन के मामले में भी आउटडेटेड पुराने संसद भवन में ज्यादातर कार्य पेपर पर ही होते है तथा कार्यों की जगह को लेकर भी पुराना जिसकी वजह से संसद भवन का काम प्रभावी रूप से नहीं हो पा रहा था।
क्या आपको पता है नए संसद भवन के आकार त्रिकोण को ज्यामिति में शुद्ध माना गया है और सिर्फ यही नहीं त्रिकोण आकार की वजह से यह ज्यादा बड़ा भी नही लगता और यह आकार एक मजबूत शक्तिशाली देश जैसा भी प्रतीत होता है।
संसद भवन को देश का मंदिर माना जाता है जिसमे लोगो के हित के सबसे बड़े फैसले लिए जाते है नए संसद भवन में वह सब चीज़ें है जोकि देश की सबसे महत्व बिल्डिंग में होनी चाहिए नए संसद भवन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम तथा वास्तविक समय पर भाषा का अनुवाद करने वाली टेक्नोलॉजी का फीचर जोकि विशेष है यानी कोई भी एमपी अपनी भाषा में अपनी बात को रख सकता है तथा वह वास्तविक उसी समय अनुवाद होकर सभी एमपी को हिंदी या फिर उनकी भाषा में सुनाई देगी AI की वजह से और इस नए संसद भवन में ज्यादातर कामों को पेपरलेस किया जाएगा
नए संसद भवन की बिल्डिंग भूकंप रोधी टेक्नोलॉजी से भी बनाई गई है।
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