आदित्य L1 मिशन का महत्व
आदित्या L1 मिशन एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है जो हमारे इस्पेस एजेंसी ISRO द्वारा भेजा जा रहा है
जिसका मूल उद्देश्य सूर्य के छुपे हुए रहस्यो को जानना है जिसे आदित्य L 1 नाम दिया गया है,
इसका नाम हिंदू सूर्य देवता “आदित्य” के नाम पर रखा गया है। यह मिशन भारतीय एजेंसी ISRO द्वारा भेजा जाने वाला पहला सूर्य मिशन है इस मिशन के माध्यम से हमें ब्रह्मांड में एक नए कीर्तिमान स्थापित करने का मौका मिलेगा और सूर्य से सम्बंधित गहन वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त करने का भी अवसर मिलेगा। इस मिशन की महत्वपूर्णता उन चुनौतियों में ढकी हुई है जिन्हे पार कर पाना किसी भी स्पेस एजेंसी के लिए आसान नहीं है। अंतरिक्ष यान को लैग्रेंज बिंदु L1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने का इरादा है,जो अंतरिक्ष में एक स्थिर बिंदु है।
L1 क्या है?
L1 एक बिंदु या क्षेत्र है जो धरती और सूर्य की बीच स्थित है इसे “लाग्रेंज बिंदु L1” के नाम से जाना जाता है यहाँ पर पृथ्वी और सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति संतुलित होती है। जो उपग्रह को स्थिरता प्रदान करती हैं। जो धरती से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। इस बिंदु से उपग्रह को सूरज का अवलोकन और अध्ययन करने में आसानी होगी।
आदित्य L1 मिशन का उद्देश्य
इस अंतरिक्ष यान का मुख्य उद्देश्य सूरज के कुछ महत्व पूर्ण जानकारी प्राप्त करना है जो नीचे दिए गए है
- सौर ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिशीलता का अध्ययन करना ।
- क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा का भौतिकी, कोरोनल द्रव्यमान इजेक्शन की शुरुआत, और फ्लेयर्स का अध्ययन करना।
- सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले SITU कण और प्लाज्मा वातावरण का अवलोकन।
- सौर कोरोना का भौतिकी और इसका तापन तंत्र।
- सी.एम.ई विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति।
- कई परतों (क्रोमोस्फीयर, बेस और विस्तारित कोरोना) में होने वाली प्रक्रियाओं के अनुक्रम की पहचान करना जो सौर विस्फोट की घटनाओं को जन्म देती हैं।
- कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र का मापन करना।
- वायु की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता का अध्ययन।
- कोरोनल लूप प्लाज्मा का तापमान, वेग और घनत्व अध्यन ।
आदित्य L1 पेलोड
इस आदित्य L1 अंतरिक्ष यान में 7 पेलोड है जो नीचे दिए गए है –
दृश्यमान उत्सर्जन रेखा कोरोनाग्राफ(VELC)
कोरोनोग्राफ एक नेत्र से सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करके अंतरिक्ष में पूर्ण कृत्रिम ग्रहण बनाता है, ताकि सूर्य के प्रकाश के कारण आस-पास की छिपी हुई वस्तुएं स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकें और फिर उसे कोरोनग्राफ (Coronagraph) द्वारा कैप्चर किया जाता है.
सौर पराबैंगनी इमेजिंग टेलीस्कोप(SUIT)
SUIT सूर्य की गतिविधि की निगरानी करेगा और संभावित सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) की प्रारंभिक चेतावनी प्रदान करेगा, जो पृथ्वी पर उपग्रहों, संचार प्रणालियों, पावर ग्रिड और मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
सौर निम्न ऊर्जा एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SOLEXS)
इस SOLEXS को ISRO सैटेलाइट सेंटर द्वारा विकसित किया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य सौर ज्वालाओं के दौरान प्लाज्मा मापदंडों के साथ-साथ ऊर्जावान कणों के त्वरण तंत्र का अध्ययन करेगा
उच्च ऊर्जा L1 कक्षीय एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1&X)
हीलियोस नई पीढ़ी का स्पेक्ट्रोमीटर है जिसका उद्देश्य सौर कोरोना में होने वाली गतिशील घटनाओं और विस्फोट की घटनाओं के दौरान सौर ऊर्जा वाले कणों को तेज करने वाली ऊर्जा का निरीक्षण करना है।
आदित्य सौर पवन कण प्रयोग (ASPEX)
ASPEXS को भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है।
इसका उद्देश्य सौर पवन/कण विश्लेषक प्रोटॉन और भारी आयन दिशाओं अध्यन करना है
प्लाज्मा विश्लेषक पैकेज (PAPA)
PAPA का उद्देश्य सौर पवन/कण विश्लेषक इलेक्ट्रॉन और भारी आयन दिशाओं का अध्यन करना।
उन्नत त्रि-अक्ष उच्च रिज़ॉल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर
इसका उद्देश्य स्वस्थानी चुंबकीय क्षेत्र का निरिक्षण करना है
आदित्य L1 लॉन्च की तारीख और स्थान
यह मिशन सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जायगा जो आंध्र प्रदेश, तिरुपति जिला के श्रीहरीकोटा में स्थित है बताया जा रहा हे की यह मिशन 2 सितम्बर 2023 को लॉन्च होगा।
आदित्य L1 और ISRO पर FAQ :
प्रश्न: ISRO का स्थापना कब हुआ था और उसका मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: ISRO का स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करना है ताकि तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भारत को आगे बढ़ने में मदद मिल सके।
प्रश्न: आदित्य L1 मिशन क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
उत्तर: आदित्य L1 मिशन के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है सूरज की कोरोना, तापमान और अन्य विभिन्न प्रतिक्रियाओं की अध्ययन करना ताकि हम सूरज के प्रतिक्रियाओं की अधिक गहराई में समझ सकें।
प्रश्न: आदित्य L1 मिशन के क्या-क्या लक्ष्य हैं?
उत्तर: आदित्य L1 मिशन के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है सूरज की कोरोना, तापमान और अन्य विभिन्न प्रतिक्रियाओं की अध्ययन करना ताकि हम सूरज के प्रतिक्रियाओं की अधिक गहराई में समझ सकें।
प्रश्न: आदित्य L1 मिशन कब शुरू होगा?
उत्तर: वर्तमान में, आदित्य L1 मिशन लॉन्च की तारीख 2 सितम्बर 2023 रखी गयी है।
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