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Makar Sankranti Kab Hai 2024? Makar Sankranti 2024

Makar Sankranti Kab Hai 2024: मकर संक्रांति भारत के सभी मुख्य त्योहारों में से एक है। जिसे पुरे भारत देश में मनाया जाता है। और इसे अलग-अलग नामो से पुरे देश में जाना जाता है। इस त्योहार को भारत सहित नेपाल बांगलादेश जैसे और कई देशो में मनाया जाता है। यह पर्व अक्सर जब मनाया जाता है। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में आता है। यह त्योहार जनवरी के महीने में आता है। जो जनवरी की 14 या 15 तारीख को ही पड़ता है। Makar Sankranti 2024 में कब है ? जनवरी 14 या जनवरी 15

विषयसूची (Table of Contents)

इस त्यौहार को भारत के राज्य बिहार में तिला संक्रांत के नाम से पुकारा जाता है। तो वहीं तमिलनाडु में इस त्योहार को पोंगल के नाम से जाना जाता है। और जबकि कुछ जगहों पर इसे उत्तरायण के नाम से भी पुकारा जाता है। इस त्योहारों को उत्तरायण के नाम से इस लिए पुकारा जाता है। क्योकि इस दिन के बाद सूरज उत्तर दिशा की ओर जाने लगता है। इस लिए इस दिन को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।

मकर संक्रांति तिथि15 जनवरी 2024
मकर संक्रांति की शुरुआत15 जनवरी 2024 को 02:54 AM से
मकर संक्रान्ति पुण्य काल07:15AM से 05:46PM तक
मकर संक्रांति महा पुण्य काल07:15AM से 09:00AM तक
Makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति का महत्व | Importance of Makar Sankranti

मकर संक्रांति के दिन कई लोग सुबह जल्दी उठ जाते है। और गंगातट पर गंगास्नान करते है। मकर संक्रांति का हमारे जीवन के साथ-साथ साइंटिफिक महत्व भी है। जैसा की मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। तो बताया जाता है। की इस मुख्य दिन के बाद सूरज दक्षिणी गोलार्ध से उतरी गोलार्ध की ओर आने लगता है। और इस दिन के बाद राते छोटी और दिन बड़े होने शुरू हो जाते है। इस त्यौहार का हमारे पुराणों में भी अधिक महत्व है। मकर संक्रांति के दिन को लेकर हमारे पुराणों में कई कहानिया प्रचलित है। माना जाता है। की इस दिन के बाद जब सूरज मकर राशि में प्रवेश करता है। तो धार्मिक दृष्टि से शुभ होता है।

मकर संक्रांति कब है? | Makar Sankranti 2024

Makar Sankranti Kab Hai 2024: मकर संक्रांति का पर्व अक्सर जनवरी की 14 या 15 तारीख को आता है। और साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा।

त्योहारतिथि
मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024
Makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त | Makar Sankranti Shubh Muhurat 2024

Makar Sankranti Kab Hai 2024: मकर संक्रांति का त्यौहार पुरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। और हिन्दू पंचाग के अनुसार इस त्यौहार को मनाने का शुभ समय 15 जनवरी 2024 को 02 बजकर 54 मिनट से शुरू हो जाएगा। यह वो समय होगा जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा।

मकर संक्रांति पर पुण्यकाल मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल का मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर सुबह 9 बजे तक का होगा।

मकर संक्रांति की शुरुआत15 जनवरी 2024 को 02:54 AM से
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल समय07:15AM से 09:00AM तक
मकर संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त समय07:15AM से 05.46PM तक
Makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति के भारत में विभिन्न नाम | Different names of Makar Sankranti in India

भारत के स्थानमकर संक्रांति के विभिन्न नाम
गुजरात, उत्तराखण्डउत्तरायण
कर्नाटकमकर संक्रमण
उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहारखिचड़ी
कश्मीर घाटीशिशुर सेंक्रात
असमभोगाली बिहु
हिमाचलप्रदेश, पंजाब
जम्मूमाघी संगरांद
तमिलनाडुताइ पोंगल, उझवर तिरुनल
Makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति के दुनिया भर में विभिन्न नाम | Different names of Makar Sankranti around the world

देश के नाममकर संक्रांति के विभिन्न नाम
नेपालमाघे संक्रान्ति या ‘माघी संक्रान्ति’ ‘खिचड़ी संक्रान्ति
लाओसपि मा लाओ
कम्बोडियामोहा संगक्रान
बांग्लादेशपौष संक्रान्ति
म्यांमारथिंयान
थाईलैण्डसोंगकरन
श्री लंकापोंगल, उझवर तिरुनल
Makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति पूजन विधि | Makar Sankranti Poojan Vidhi

मकर संक्रांति की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करे स्नान के बाद लोटे में अक्षत और लाल फूल डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें और गीता या श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें। फिर नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें। दान करने के बाद भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाए और भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद के रूप में खाए।

क्यों मनाया जाता है? मकर संक्रांति का पर्व | Why is it celebrated? festival of makar sankranti

मकर संक्रांति का पर्व मनाने के कई कारण है। जिसमे की कुछ पौराणिक और कुछ साइंटिफिक कारण है। कुछ पुराणिक कथा के अनुसार इस दिन सूर्य देव शनि देव के घर गए थे। सूर्य देव के शनि देव के घर जाने को शुभ इसलिए माना जाता है। क्योकि सूर्य देव शनि देव को बिलकुल पसंद नहीं करते थे। माना जाता है की इस दिन अगर कोई व्यक्ति दान देता है तो उसे दिए गए दान का 100 गुना पुण्य मिलता है।

इस लिए मकर सक्रांति के दिन कई लोग दान भी देते है। और साइंटिफिक कारणों की बात करे तो मकर संक्रांति के दिन से सूरज 6 महीने बाद दक्षिणी गोलार्ध से उतरी गोलार्ध की ओर आना शुरू हो जाता है और दिन बड़े होने शुरू हो जाते है। जिससे गर्मी बढ़ने लगती है और सर्दी कम होने लगती है।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व | Importance of Khichdi on Makar Sankranti

जैसा की आप जानते होंगे की मकर संक्रांति के दिन भारत के कई हिसो में खिचड़ी बनाने की परंपरा है। और कई लोग इस दिन खिचड़ी बनाते और दान भी देते है। जिसका धार्मिक मान्यताओं में बहुत महत्व है। बताया जाता है। की खिचड़ी के चावल चंद्रमा और शुक्र की शांति का प्रतिक है। और काली दाल शनि और राहू केतु का प्रतिक है साथ ही हरी सब्जियाँ बुध से संबंध रखती है। और हल्दी बृहस्पति से संबंध रखती है। जब इन सब को मिलाकर खिचड़ी को बनाया जाता है। तो उसकी गर्माहट को मंगल और सूर्य देव का प्रतीक माना जाता है। जैसे की एक खिचड़ी सभी गृहओ से संबंध रखती है। इस लिए खिचड़ी को शुभ माना जाता है। और इस दिन घरो में खिचड़ी को बनाया और दान में दिया जाता है।

कैसे मनाया जाता है? मकर संक्रांति का पर्व | How is it celebrated? Festival of makar

मकर संक्रांति का त्योहार अलग अलग जगहों पर अलग अलग प्रकार से मनाया जाता है। इस त्योहार पर लोग सुबह जल्दी उठ जाते है। और फिर गंगा में स्नान या घर पर स्नान करते है। और फिर स्नान के बाद सूर्य देवता की पूजा की जाती है। यह पर्व मुख्य तोर पर सूर्य की पूजा के लिए ही मनाया जाता है। पूजा के बाद लोग पुण्य पाने के लिए दान देते है। दान में मुख्य तोर पर तिल, गुड़, खीचड़ी, और उड़द दाल आदि चीजे दी जाती है।

कई स्थानों पर मकर संक्रांति के अवसर पर मेले और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। यहां लोग विभिन्न प्रकार के खेल, नृत्य, और गीतों का आनंद लेते हैं। मकर संक्रांति पर विशेष भोजन बनाने की भी परंपरा है। जिसमे तिल, गुड़, और घी से बने खाद्य पदार्थों को बनाया जाता है। जिसमे कि गुड़ और तिल की पट्टी, तिल की चिक्की, और खीर बनाई जाती है। कुछ स्थानों पर मकर संक्रांति के दिनों पतंग बाजी भी करी जाती है। जहां पर लोग रंगीन पतंगें उड़ाते हैं और आसमान में उड़ती पतंगों का आनंद लेते हैं।

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मकर संक्रांति पौराणिक कथा | Makar Sankranti Pauranik katha Katha 2024

मकर संक्रांति के बारे में हमारे पुराणों और इतिहास में कई कथाए प्रचलित है। जिनमे से कुछ कथाए नीचे दी गई है।

भीष्म पितामह

भीष्म पितामह जिन्हे हर कोई जानता है। यह महाभारत काल के सबसे बड़े योद्धा में से एक थे। जो गंगा माता के पुत्र भी थे। भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। इस लिए वह सिर्फ अपनी इच्छा से ही मर सकते थे। और माना जाता है। की भीष्म पितामह ने मकर संक्रांति के दिन ही अपने प्राण त्यागने का निर्णय लिया था। और अपने प्राण त्यागे थे।

भागीरथी

भागीरथी जिनका नाम आपने जरूर सुना होगा पुराणों में इन्हे गंगा नदी को धरती पर लाने के कारण जाना जाता है। माना जाता है। की भागीरथी ने तपस्या करके शंकर भगवान से गंगा माता को धरती पर लेन का वरदान माँगा था। ताकि उनके पूर्वजों को शांति मिल सके। जिसके बाद गंगा नदी भगीरथ के साथ-साथ चलकर कपिल मुनि के आश्रम से निकलते हुए समुंद्र में मिली थी। और वह दिन मकर संक्रांति का था।

सूर्य देव और शनि देव

मकर संक्रांति की सभी कथाओं में से सूर्य देव और शनि देव की कथा सबसे प्रचलित है। बताया जाता है। सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव को बिलकुल पसंद नहीं करते थे। इसलिए उन्होंने शनि देव को अलग कर दिया था। जिसके बाद शनि देव ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का शाप दे दिया। जिसके बाद सूर्य देव ने कुम्भ को जलाकर राख कर दिया। कुम्भ एक राशि और शनि देव का घर(कुम्भ और मकर) था।

जिसके बाद शनि देव को भी सूर्य देव की तरह कष्ट भोगना पड़ा तब सूर्य देव के दूसरे पुत्र यमराज के कहने पर सूर्य देव शनि के घर गए थे। लेकिन शनि देव के पास सिर्फ तिल ही थे। जिससे उन्होंने सूर्य देव की पूजा करी थी। पूजा से खुश होकर सूर्य देव ने शनि देव को आशीर्वाद दिया की जब भी में शनि देव के दूसरे घर मकर में आऊंगा तो यह घर धन धान्य हो जाएगा। यह सब तिल के कारण हुआ था। जिसके बाद से मकर संक्रांति पर सूर्य देव और शनि देव की तिल से पूजा का प्रचलन शुरू हुआ।

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मकर संक्रांति | Makar Sankranti in Different Regions of India

तमिलनाडु | Tamil Nadu Mein Makar Sankranti Festival

तमिलनाडु में मकर संक्रांति का त्यौहार धूम धाम से मनाया जाता है। जहाँ मकर संक्रांति को पोंगल के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर यह त्यौहार 4 दिन तक मनाया जाता है। और प्रत्येक दिन को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जिसमे की पहले दिन को भोगी पोंगल, दूसरे दिन को सूर्य पोंगल , तीसरे दिन को मट्टू पोंगल और आखरी दिन को कन्या पोंगल के नाम से जाना जाता है।

mattu pongal
Tamil Nadu Mein Makar Sankranti Festival

पहले दिन भोगी पोंगल को सारा कूड़ा इकठा करके जलाया जाता है। और दूसरे दिन सूर्य पोंगल को लक्ष्मी माता की पूजा अर्चना करते है। तथा तीसरे दिन मट्टू पोंगल को पशुओं की पूजा की जाती है। और आखरी दिन कन्या पोंगल को सुबह स्नान करके मिट्टी के बर्तन में खीर बनायी जाती है। और उसके बाद नैवैद्य(सूर्य देव को चढ़ाने वाला प्रसाद) चढ़ाने के बाद खीर को प्रसाद के रूप में खाया जाता है। इस दिन बेटी और जमाई का मुख्य रूप से स्वागत किया जाता है।

पंजाब | Punjab Mein Makar Sankranti Festival

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Punjab Mein Makar Sankranti Festival

पंजाब में मकर संक्रांति को अलग प्रकार से मनाया जाता है। पंजाब में मकर संक्रांति को माघी के नाम से जाना जाता है। इस दिन हिन्दू लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद तिल के तेल से दीपक जलाते हैं। क्योकि तिल से शनि देव प्रसन्न होते है और तिल के तेल से दीपक जलने से घर में समृद्धि आती है। माघी पर श्री मुक्तसर साहिब में एक प्रमुख मेला आयोजित किया जाता है। और वहां पर भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है। और सभी लोग मिलकर खिचड़ी, गुड़ और खीर खाते हैं। यह त्यौहार लोहड़ी के अगले दिन मनाया जाता है।

असम | Assam Mein Makar Sankranti Festival

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Assam Mein Makar Sankranti Festival

असम में मकर संक्रांति को भोगली बिहू के नाम से जाना जाता है। इसे माघ माह में कटाई के मौसम के समाप्त होने का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार पर असम में एक सप्ताह तक जशन मनाया जाता है। भोगली बिहू के दिनों में असम के लोग चावल के अलग अलग प्रकार के केक बनाते है। जिनके नाम शुंग पिठा, तिल पिठा आदि है। इस दिन कुछ लोग पत्तियों, बांस और छप्पर से मेजी नाम की झोपड़ियों को बनाते हैं। जिसमे वह जशन मनाते और दावत खाते हैं।

बिहार | Bihar Mein Makar Sankranti Festival

मकर संक्रांति को बिहार में खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। खिचड़ी के दिन दान को शुभ माना जाता है। इस लिए इस दिन यहाँ पर तिल, चावल, चिवड़ा, उड़द, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, और कम्बल आदि चीजे दान में दी जाती है। साथ ही इस दिन पुरे बिहार में सभी लोग दिन में दही चुरा खाकर और रात के समय उरद दाल और चावल की खिचड़ी बनाकर इस त्यौहार को मनाते है। कुछ लोग इस दिन चुरा या मुरमुरे के लड्डू को भी बनाते है और इस पर्व का आनंद उठाते है।

उत्तराखंड | Uttarakhand Mein Makar Sankranti Festival

Happy Ghughutiya
Uttarakhand Mein Makar Sankranti Festival

उत्तराखंड एक विभिन्न परम्पराओं वाला प्रदेश है। उत्तराखंड के कुमाऊं में मकर संक्रांति को घुघुती के नाम से भी जाना जाता हैं। तो वहीं गढ़वाल में मकर संक्रांति को खिचड़ी संक्रांत के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग सुबह स्नान करते है। और साफ सफाई के बाद घर में देवी देवता की पूजा करते है। कुमाऊं में इस दिन घुघुती बनाई जाती है। और माना जाता है। की इन दिनों मौसम में बदलाव होता है। जिसके कारण पहाड़ी चिड़िया वापस पहाड़ो पर आती है। और यह घुघुती चिड़िया के स्वागत के लिए बनाई जाती है। घुघुती को आटे और गुड़ की सहायता से बनाया जाता है। और वहीं गढ़वाल के लोग इस दिन खिचड़ी बनाते है।

भारत में मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार(Other Festivals Celebrated in India)

त्यौहारो के नामदिनतिथि
मकर संक्रांतिरविवार14 जनवरी
वसंत पंचमीबुधवार14 फरवरी
होलीरविवार24 मार्च
रमज़ान ईद/ईद-उल-फितरगुरुवार11 अप्रैल
बैसाखीशनिवार 13 अप्रैल
मुहर्रम/आशूराबुधवार17 जुलाई
रक्षा बंधन (राखी)सोमवार19 अगस्त
विनायक चतुर्थीशनिवार 07 सितम्बर
ओणमरविवार15 सितम्बर
जन्माष्टमीसोमवार26 अगस्त
दुर्गा अष्टमीशुक्रवार11 अक्टूबर
दशहराशनिवार 12 अक्टूबर
दिवाली/दीपावलीशुक्रवार01 नवंबर
भाई दूजशनिवार 02 नवंबर
क्रिसमसबुधवार25 दिसंबर
Other Festivals Celebrated in India

बिहार में मकर सक्रांति (खिचड़ी ) 2024 में कब है?

बिहार में मकर सक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी.

तमिलनाडु में पोंगल का त्यौहार कितने दिन का होता है?

तमिलनाडु में पोंगल का त्यौहार 4 दिन का होता है:-
पहला दिन: भोगी पोंगल
दूसरा दिन: सूर्य पोंगल
तीसरा दिन: मट्टू पोंगल
चौथा दिन: कन्या पोंगल

पोंगल का त्यौहार 2024 में कब है?

पोंगल का त्यौहार 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी.

उत्तराखंड के कुमाऊं में मकर संक्रांति को क्या कहते है?

उत्तराखंड के कुमाऊं में मकर संक्रांति को घुघुती के नाम से भी जाना जाता हैं।

Mohit Kumar
Mohit Kumar
आप सभी को नमस्कार और धन्यवाद साइट पर विजिट करने के लिए मेरा नाम Mohit kumar है। मैं addshine24x7 में काम करता हूँ। मेरी आर्टिकल लिखने में काफी रूचि है और हर रोज मेरा काम नए आर्टिकल खोजना और उन पर काम करना रहता है, उम्मीद है आपको मेरे लिए आर्टिकल अच्छे लगते होंगे।

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