Dussehra Date 2024: दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत और महत्वपूर्ण हिंदू समुदायों वाले कई अन्य देशों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। दशहरा का त्योहार हिन्दू केलेंडर के अनुसार हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है यह आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है। दशहरे के 10 दिन बाद दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 2024(Dussehra Date 2024) में यह त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जायगा। दशहरा का त्यौहार बहुत सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है।
यह हिंदू त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे देश में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
Dussehra Date 2024 (दशहरा तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त)
नाम | दिनांक | समय |
दशमी आरंभ तिथि | शनिवार, 12 अक्टूबर 2024 | तिथि प्रारंभ 10:58 AM |
दशमी समाप्त तिथि | रविवार, 13 अक्टूबर 2024 | तिथि समाप्ति 09:08 AM |
विजय मुहूर्त | शनिवार, 12 अक्टूबर 2024 | 02:03 PM से 02:49 PM |
अपराहण पूजा मुहूर्त | शनिवार, 12 अक्टूबर 2024 | 01:17 PM से 03:35 PM |
दशहरा पूजा विधि
दशहरा पूजा एक महत्वपूर्ण पूजा है जो भारत में धूमधाम से मनाई जाती है। और यह पर्व धर्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
सामग्री की तैयारी
- मूर्तियां:- पूजा के लिए दशहरा की प्रतिमा
- पूजा सामग्री: चावल, गाय का गोबर, चूना, तिलक, केले, मौली, मूली, ग्वारफली, गुड़, खीर पूरी, फूल, नवरात्रि के वक्त उगे हुए जौ
पूजा विधि
सबसे पहले स्नान करके गेहूं या चूने से दशहा की मूर्ति बनाएं फिर गाय के गोबर के 9 गोले बनाले इसके बाद गोबर से दो कटोरियां बनाएं। एक कटोरी में कुछ सिक्के रखें दूसरे में चावल, रोली, जौं और फल रखें और फिर रोली, पानी, फूल, जौ और चावल के साथ पूजा शुरू करें मूर्ति को केले, ग्वारफली, गुड़, मूली और चावल अर्पित करें इसके बाद प्रतिमा को धूप और दीप दें। पूजा के बाद गोबर की कटोरी से सिक्के निकाल कर सुरक्षित जगह रख दें फिर ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराकर दक्षिणा दें।
दशहरे की पौराणिक कथा
भगवान राम
यह त्यौहार राक्षस राजा रावण पर भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है, जैसा कि प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण में वर्णित है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण तथा साथी हनुमान और वानर सेना के साथ, अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए एक महान युद्ध लड़ा, जिसका रावण ने अपहरण कर लिया था।
एक भयंकर युद्ध के बाद, दसवें दिन, जिसे अब दशहरा के रूप में मनाया जाता है, भगवान राम ने अंततः रावण को हराया और सीता को बचाया।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में दशहरा अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तरी भागों में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में, बड़े सार्वजनिक समारोहों में रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और उसके बेटे मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। यह दुष्टता पर धर्म की विजय का प्रतीक है।
देवी दुर्गा
कुछ अन्य क्षेत्रों में, दशहरा देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय की स्मृति में भी मनाया जाता है, यही कारण है कि इसे विजयादशमी (“विजया” का अर्थ जीत और “दशमी” का अर्थ दसवां दिन) के रूप में भी जाना जाता है।
इसके अतिरिक्त, दशहरा कृषि मौसम के अंत का प्रतीक है, जिसमें किसान फसल के लिए धन्यवाद देते हैं और समृद्ध भविष्य के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।
कुल मिलाकर, दशहरा भारत का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है, जिसे पूरे देश में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
दशहरा का महत्व
दशहरा नौ दिवसीय त्योहार के अंत का प्रतीक है जिसे नवरात्रि के नाम से जाना जाता है, जिसके दौरान भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप को समर्पित है, और यह प्रार्थना, उपवास और चिंतन का समय है।
दसवें दिन, जो दशहरा है, रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और उसके बेटे मेघनाद के पुतलों को बड़े खुले मैदानों में औपचारिक रूप से जलाया जाता है, जो बुरी ताकतों के विनाश का प्रतीक है। यह अनुष्ठान, जिसे “रावण दहन” के नाम से जाना जाता है, दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण है और इसमें भारी भीड़ उमड़ती है।
दशहरे पर क्या-क्या होता है?
रामायण पाठ और रामलीला
भारत के कई हिस्सों में, विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्रों में, रामायण, एक प्राचीन हिंदू महाकाव्य जो भगवान राम के जीवन और कार्यों का वर्णन करता है, का पाठ या प्रदर्शन “रामलीला” के रूप में किया जाता है।
पुतला जलाना
दशहरे के सबसे विशिष्ट रीति-रिवाजों में से एक है रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और उसके बेटे मेघनाद (जिन्हें इंद्रजीत के नाम से भी जाना जाता है) के पुतले जलाना। यह बुरी शक्तियों के विनाश का प्रतीक है।
मेला
दशहरे के दिन भारत में कई स्थानो पर मेला भी लगता है जो दशहरे के त्योहार को और भी खास बनता है। मेले में सभी लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ जाते है और राक्षस राजा रावण पर भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है।
हथियारों की पूजा
कई लोग, विशेष रूप से उत्तर भारत में, इस दिन अपने हथियारों, औजारों और उपकरणों की सफाई करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह कार्य प्रयासों में सफलता के लिए दैवीय आशीर्वाद का आह्वान करता है।
देवी दुर्गा की विजय
कुछ क्षेत्रों में, दशहरा देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के समापन का भी प्रतीक है। दसवें दिन, जो दशहरा है, भक्त जुलूस और विसर्जन समारोहों के साथ देवी को विदाई देते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और जुलूस
दशहरे पर विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनूठे सांस्कृतिक उत्सव, जुलूस और कार्यक्रम होते हैं। इनमें संगीत, नृत्य प्रदर्शन और पारंपरिक पोशाक के साथ जुलूस शामिल हो सकते हैं।
मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान
लोगों द्वारा सद्भावना और उत्सव के संकेत के रूप में दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान करने की प्रथा है।
बुराइयों का त्याग
अपनी सभी बुराइयों का त्याग कर,अच्छाइयों की ओर बढ़ाये कदम,चले राम जी के आदर्शो पर,जय श्री राम
भारत में मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार(Other Festivals Celebrated in India)
त्यौहारो के नाम | दिन | तिथि |
मकर संक्रांति | रविवार | 14 जनवरी |
वसंत पंचमी | बुधवार | 14 फरवरी |
होली | रविवार | 24 मार्च |
रमज़ान ईद/ईद-उल-फितर | गुरुवार | 11 अप्रैल |
बैसाखी | शनिवार | 13 अप्रैल |
मुहर्रम/आशूरा | बुधवार | 17 जुलाई |
रक्षा बंधन (राखी) | सोमवार | 19 अगस्त |
विनायक चतुर्थी | शनिवार | 07 सितम्बर |
ओणम | रविवार | 15 सितम्बर |
जन्माष्टमी | सोमवार | 26 अगस्त |
दुर्गा अष्टमी | शुक्रवार | 11 अक्टूबर |
दशहरा | शनिवार | 12 अक्टूबर |
दिवाली/दीपावली | शुक्रवार | 01 नवंबर |
भाई दूज | शनिवार | 02 नवंबर |
क्रिसमस | बुधवार | 25 दिसंबर |
FAQ:
प्रश्न: भारत के किन हिस्सों में रावण का पुतला जलाया जाता?
उत्तर: भारत के मंडोर, जोधपुर, बैजनाथ, कांगड़ा, बिसरख, परसवाड़ी, गढ़चिरौली आदि हिस्सों में आदि हिस्सों में रावण का पुतला नहीं जलाया जाता।
प्रश्न: 2024में दशहरा कब मनाया जायगा?
उत्तर: 2024 में दशहरा मंगलवार, 12 अक्टूबर को मनाया जायगा।
प्रश्न: दशहरे के कितने दिन बाद दिवाली मनाई जाती है?
उत्तर: दशहरे के 10 दिन बाद दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
प्रश्न: 2023 में दशहरा कब मनाया गया था?
उत्तर: 2023 में दशहरा मंगलवार 24 अक्टूबर को मनाया गया था।